फ्रैंक कामेनी: गूगल डूडल जिन पर बना, अमेरिका में समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़े थे
BBC
गूगल ने 2 जून को जिस शख़्स फ्रैंक कामेनी पर डूडल बनाया है, क्या आप उनकी कहानी जानते हैं?
2 जून को जब भारत में लोगों ने गूगल खोला तो रंग बिरंगे झंडे स्क्रीन पर उड़ने लगे. एक शख्स हाथ में फूल लिए दिखा. गूगल डूडल में दिखने वाले ये शख़्स डॉक्टर फ्रैंक कामेनी हैं. फ्रैंक कामेनी अमेरिका में समलैंगिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने को लेकर जाने जाते हैं. 'गे इज़ गुड' यानी 'गे होना अच्छा है' जैसी लाइन सबसे पहले फ्रैंक ने ही 1968 में कही थी. यह भी पढ़ें: देवदासी प्रथा का अंत करने वाली डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी जून महीने को प्राइड मंथ के तौर पर मनाया जाता है. प्राइड मंथ यानी समलैंगिक लोगों के अधिकारों और उनके अस्तित्व को पहचान देने का, जश्न मनाने का महीना.More Related News