![पूर्वी पाकिस्तान में अयूब ख़ान को क़त्ल करने की साज़िश कितनी हक़ीक़त थी, कितना अफ़साना](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/122AB/production/_122611447_a81a6132-b9f0-416d-998d-02ab71e4870b.jpg)
पूर्वी पाकिस्तान में अयूब ख़ान को क़त्ल करने की साज़िश कितनी हक़ीक़त थी, कितना अफ़साना
BBC
साल 1968 में शेख़ मुजीबुर्रहमान पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के क़त्ल की साज़िश का केस चला. पढ़िए कैसे इस केस ने पाकिस्तान का भविष्य बदल दिया.
पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के शिक्षक उस मक़सद के लिए निर्धारित स्थान पर पहुंच चुके थे. सारे इंतज़ाम पूरे हो चुके थे, लेकिन अयूब ख़ान का इरादा बदल चुका था. कुछ प्रोफ़सरों के बजाए उन्हें उस वक़्त पूर्वी पाकिस्तान के गवर्नर का साथ ज़्यादा मुनासिब लग रहा था.
गवर्नर अब्दुल मुनअम ख़ान उस वक़्त उनके बग़ल में बैठे थे जिनसे वो फुसफुसा कर बात कर रहे थे. ड्राइंग रूम के एक तरफ़ मंत्री मौजूद थे. उनके बीच भी कानाफूसी का सिलसिला जारी था. दूसरी तरफ़ सेना और ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारी साथ खड़े थे.
क़ुदरतुल्लाह शहाब लिखते हैं कि अयूब ख़ान उन्हें कुछ परेशान दिखाई दिए. शहाब के मुताबिक़ उन्होंने राष्ट्रपति अयूब को मुलाक़ात के बारे में याद दिलाया तो उन्होंने उसके स्थगन की इच्छा जताई. उसी शाम ढाका में रात्रिभोज रखा गया था. यह कार्यक्रम भी फीका रहा. सत्ता के गलियारों में इस उदासी की वजह एक ऐसा रहस्योद्घाटन था जो आगे चलकर पाकिस्तानी सियासत की दिशा बदलने वाला था.
क़ुदरतुल्लाह शहाब के मुताबिक़ अयूब ख़ान को उसी दिन उस साज़िश की ख़बर दी गई थी. परेशान कर देने वाली यही सूचना थी जिसके कारण उस दिन अयूब ख़ान का मूड ख़राब था.