
पुलिस का मुखबिर होने के शक में नक्सलियों ने गला रेतकर किया दो लोगों का कत्ल, मरने वालों में एक पूर्व नक्सली भी शामिल
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि अज्ञात नक्सलियों के एक समूह ने गांव में घुसकर करम राजू (32) और माडवी मुन्ना (27) को उनके घरों से बाहर खींच लिया. इसके बाद उन्होंने धारदार हथियारों से उनका गला रेत दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के एक गांव में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने के शक में दो लोगों की हत्या कर दी, जिनमें से एक उनका पूर्व सहकर्मी था. उन्होंने बताया कि यह घटना सोमवार रात को तर्रेम थाना क्षेत्र के बुगदीचेरू गांव में हुई.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अज्ञात नक्सलियों के एक समूह ने गांव में घुसकर करम राजू (32) और माडवी मुन्ना (27) को उनके घरों से बाहर खींच लिया. इसके बाद उन्होंने धारदार हथियारों से उनका गला रेत दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
इस वारदात की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी. सूचना दिए जाने के बाद सुबह पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर माओवादियों की जगरगुंडा एरिया कमेटी द्वारा जारी एक पर्चा मिला है, जिसमें दोनों मृतकों पर पुलिस मुखबिर के तौर पर काम करने का आरोप लगाया गया है.
उन्होंने बताया कि राजू कभी एक सक्रिय नक्सली था, जिसने बाद में आत्मसमर्पण कर दिया और गांव में सामान्य जीवन जी रहा था. जांच में पता चला है कि नक्सलियों ने मुन्ना पर पुलिस मुखबिर के तौर पर काम करने का आरोप लगाकर पहले भी उस पर हमला किया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुन्ना के बड़े भाई की कुछ साल पहले पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के पोटाली गांव में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. पिछले एक साल में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियानों में माओवादियों को अपने रैंक और फाइल तथा वरिष्ठ सदस्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
पुलिस के मुताबिक, अपने मुख्य क्षेत्रों में नए सुरक्षा शिविरों की स्थापना के बाद उन्होंने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों को भी छोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि माओवादी निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों पर अपनी हताशा निकाल रहे हैं और उन पर देशद्रोही तथा पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर उन्हें निशाना बना रहे हैं.

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