
'पावरफुल फिनिशर चाहिए तो रिंकू सिंह को फोन घुमाओ!', T20 वर्ल्ड कप से पहले तूफानी शतक आते ही झूम उठा KKR
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विजय हजारे ट्रॉफी के एलीट ग्रुप बी मुकाबले में उत्तर प्रदेश के कप्तान रिंकू सिंह ने चंडीगढ़ के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. रिंकू ने मात्र 60 गेंदों में नाबाद 106 रनों की तूफानी पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 4 छक्के शामिल थे.
विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में एलीट ग्रुप-बी के मुकाबले में उत्तर प्रदेश के कप्तान रिंकू सिंह ने दर्शकों का ध्यान अपनी बल्ले की ताकत पर खींच लिया. शुक्रवार को राजकोट के Sanosara Cricket Ground A पर चंडीगढ़ के खिलाफ खेलते हुए रिंकू ने केवल 60 गेंदों में नाबाद 106 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 4 छक्के शामिल थे. यह उनकी लिस्ट-ए में दूसरी सेंचुरी है. इस पारी ने यूपी को 367/4 तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.
यूपी की शुरुआत थोड़ी हिचकिचाहट भरी रही. टीम ने केवल 3 रनों पर अपना पहला विकेट गंवाया. हालांकि ध्रुव जुरेल (67) और आर्यन जुयाल (134) ने पारी को संभाला और विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाया. चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए रिंकू सिंह ने मैदान पर अपना आक्रामक अंदाज दिखाया और विपक्षी गेंदबाजों की रणनीतियों को ध्वस्त कर दिया. उनकी तेज रन बनाने की शैली और शॉट चयन ने यूपी को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मदद की.
रिंकू सिंह की यह पारी घरेलू क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि आईपीएल के लिए भी गूंज है. कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए अगले सीजन में उतरने से पहले उन्हें फ्रेंचाइजी से भी तारीफ मिली. 13 करोड़ रुपये में पहले ही रिटेन हो चुके रिंकू के लिए KKR ने उनकी फिनिशिंग क्षमता की तारीफ करते हुए मजेदार ट्वीट किया- “Need a powerful finish? 📞 Rinku Singh 🔥(पावरफुल फिनिशर चाहिए तो रिंकू सिंह को फोन घुमाओ)”. यह ट्वीट न केवल उनके आक्रामक खेल को उजागर करता है, बल्कि टीम के लिए मैच फिनिशर के रूप में उनकी अहमियत को भी दर्शाता है.
Need a 𝗽𝗼𝘄𝗲𝗿𝗳𝘂𝗹 finish? 📞 Rinku Singh 🔥 pic.twitter.com/xGUuBR67CX
विजय हजारे ट्रॉफी में सेंचुरी और आईपीएल में रिटेनमेंट ने उन्हें घरेलू और पेशेवर दोनों प्लेटफॉर्म पर एक दमदार खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया है. उनके बल्ले की ताकत, आक्रामकता और तेज रन बनाने की शैली ने दर्शकों और चयनकर्ताओं दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. राजकोट में ही विजय हजारे टूर्नामेंट के इस सीजन के पहले मैंच में उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ 67 रन बनाए थे.
रिंकू सिंह अपने इस प्रदर्शन से साबित कर रहे हैं कि टी20 वर्ल्ड कप टीम में उनका चयन सही निर्णय था. तेज रन बनाने की क्षमता, दबाव में भी आक्रामक खेल और मैच को पलटने की ताकत ने रिंकू को भविष्य के बड़े टूर्नामेंट्स में टीम इंडिया के लिए भरोसेमंद विकल्प बना दिया है.

विजय हजारे ट्रॉफी में रोहित शर्मा और विराट कोहली की वापसी पूरी तरह एकतरफा रही. रोहित ने जयपुर में 155 रन की तूफानी पारी खेली, जबकि कोहली ने बेंगलुरु में 131 रन बनाकर अपनी ‘चेज़ मास्टर’ की छवि को फिर साबित किया. दोनों ने दिखा दिया कि सफेद गेंद के क्रिकेट में वे आज भी बाकी खिलाड़ियों से कई कदम आगे हैं.

विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 574 रन बनाकर लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे बड़ा टीम स्कोर खड़ा किया. इस ऐतिहासिक पारी के हीरो रहे 14 साल के वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने 36 गेंदों में शतक और 59 गेंदों में 150 रन बनाकर कई विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिए. सकीबुल गनी और आयुष लोहारुका के शतकों ने इस यादगार दिन को और खास बना दिया.

बिहार के 14 वर्षीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में 190 रन की विस्फोटक पारी खेलकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया. अंडर-19 एशिया कप फाइनल की नाकामी के बाद यह उनका जोरदार जवाब रहा. इस प्रदर्शन के बाद उन्हें भारतीय सीनियर टीम में जल्द मौका दिए जाने की चर्चा तेज हो गई है, जबकि आईपीएल में उनका प्रदर्शन अब सबकी निगाहों में रहेगा.

स्वास्तिक समल ने विजय हजारे ट्रॉफी में सौराष्ट्र के खिलाफ 212 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर लिस्ट-A क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले ओडिशा के पहले बल्लेबाज़ बनने का गौरव हासिल किया. उनकी इस पारी की बदौलत ओडिशा ने 345 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और टूर्नामेंट इतिहास की शीर्ष पारियों में अपना नाम दर्ज कराया.

14 साल और 272 दिन की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के पहले ही दिन मेंस लिस्ट-A क्रिकेट का सबसे कम उम्र का शतक लगाकर इतिहास रच दिया. यह उनका महज़ 7वां लिस्ट-A मैच था, जिसमें उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 36 गेंदों में शतक, 59 गेंदों में 150 रन पूरे करते हुए 84 गेंदों पर 190 रन की विस्फोटक पारी खेली.

बिहार के कप्तान सकीबुल गनी ने विजय हजारे ट्रॉफी में 32 गेंदों में शतक लगाकर इतिहास रच दिया. मोतिहारी से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने वाले सकीबुल का सफर संघर्षों से भरा रहा है, जहां उनकी मां ने गहने गिरवी रखकर उनका सपना जिंदा रखा. आज वह अपने दमदार प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा बन चुके हैं.

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