पाकिस्तान: बिना इजाजत फल खाने पर 10 साल के बच्चे को चाकू से गोदा, अस्पताल पहुंचते ही हो गई मौत
AajTak
10 साल का कामरान अपने 6 साल के भाई रिजवान के साथ लाहौर के एक घर में घरेलू नौकर के तौर पर काम करता था. बिना पूछे फल खाने पर घर के मालिक ने दोनों को प्रताड़ित किया. हालत बिगड़ने पर वह उन्हें अस्पताल में भर्ती कराकर फरार हो गया.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैवानियत की एक घटना सामने आई है. लाहौर में एक 10 साल के बच्चे को बिना पूछे फल खाने पर इतना प्रताड़ित किया गया कि उसकी अस्पताल में मौत हो गई. बच्चा लाहौर की एक हाई क्लास सोसाइटी में घरेलू नौकर के तौर पर काम करता था.
एजेंसी के मुताबिक 10 साल का कामरान अपने 6 साल के भाई रिजवान के साथ लाहौर के एक घर में घरेलू नौकर के तौर पर काम करता था. दोनों भाइयों को एक साल पहले पॉश डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी में रहने वाला नसरुल्ला अपने साथ लेकर आया था. नसरुल्ला के घर में उसकी पत्नी, दो बेटे और उसकी बहू रहते थे.
मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मी मोहम्मद युसूफ ने बताया, 'मंगलवार को कामरान और रिजवान ने नसरुल्ला के परिवार से पूछे बिना रेफ्रिजरेटर से फल निकालकर खा लिये. इसका पता जब नसरुल्ला के परिवार को चला तो उन्होंने दोनों बच्चों को प्रताड़ित किया. उन्हें सताने के लिए चाकू का भी इस्तेमाल किया गया'.
पुलिस के मुताबिक जब दोनों बच्चों की हालत बिगड़ने लगी तो नसरुल्ला उन्हें अस्पताल में भर्ती करा कर मौके से फरार हो गया. अस्पताल पहुंचते ही कामरान ने दम तोड़ दिया. रिजवान की हालत नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने नसरुल्ला समेत पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.
जांच के दौरान कामरान और रिजवान के शरीर पर दर्जनों गहरे घाव पाए गए. जांच अधिकारी युसूफ ने बताया कि नसरुल्ला का परिवार दोनों बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर प्रताड़ित करता था. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बिना पूछे फल खाने पर दोनों बच्चों को रस्सी से बांध दिया गया था.
पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज ने घटना का संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रिजवान को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं. पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी घटना की कड़ी निंदा की है. मानवाधिकार कार्यकर्ता शेरियार रिजवान ने कहा है कि मासूम बच्चे के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. सरकार को ऐसा इंतजाम करना चाहिए कि अपराधी किसी भी हाल में छूट न सकें.
पुणे के हिट एंड रन केस में आज कई खुलासे हुए. अब पुणे पुलिस उस आदेश की भी जांच कर रही है जिसमें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को हादसे पर निबंध लिखने की सजा देकर घर जाने दे दिया था. पुलिस ये पता लगा रही है कि क्या ऐसी सजा बोर्ड ने अपनी मर्जी से सुनाई या उस बोर्ड के सदस्य पर किसी का कोई प्रभाव था. देखें रणभूमि.
भारत 46वें अंटार्कटिक संसद की मेजबानी कर रहा है. 30 मई तक चलने वाली इस बैठक में बर्फीले महाद्वीप से जुड़े कई मुद्दों पर बात होगी. फिलहाल वैज्ञानिक परेशान हैं क्योंकि अंटार्कटिक महासागर के भीतर धाराएं कमजोर पड़ रही हैं. डर जताया जा रहा है कि साल 2050 तक ये बहाव इतना कम हो जाएगा कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन घटने लगेगी.