पाकिस्तान के लिए गले की फाँस क्यों बन गई है तालिबान सरकार को मान्यता
BBC
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सरकार को अब भी अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिल पाई है. लेकिन तालिबान सरकार के लिए पाकिस्तान क्यों इतना चिंतित है?
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार तो बन गई है, लेकिन अब भी उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है, अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करना.
तालिबान की सरकार मान्यता पाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन पाकिस्तान ने भी तालिबान सरकार को मान्यता दिलाने के लिए पूरा ज़ोर लगाया हुआ है.
यहाँ तक कि पाकिस्तान ने अमेरिका को अपनी भावनाओं पर संयम रखने की सलाह भी दे डाली है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने सोमवार को एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को अपनी भावनाओं पर संयम रखना होगा. अमेरिकी अभी सदमे में हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अफ़ग़ानिस्तान का पतन हो जाएगा. अगर ऐसा न हुआ तो अफ़ग़ानिस्तान चरमपंथियों का गढ़ बन जाएगा.
इमरान ख़ान ने कहा कि जब तक अमेरिका नेतृत्व नहीं करता, तब तक हमें अफ़ग़ानिस्तान में अराजकता फैलने की चिंता रहेगी और इससे सबसे ज़्यादा हम प्रभावित होंगे. तालिबान के भीतर के कट्टरपंथी तत्वों को रोकने के लिए भी उसका समर्थन करना ज़रूरी है.