
न्यूयॉर्क: एक साल से ट्रकों में स्टोर हैं कोरोना मरीजों के शव, दफनाने का इंतजार
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अमेरिका के न्यूयॉर्क में ये पिछले साल आया था, तब हालात ये थे कि प्रशासन को कोविड मरीजों के शवों को फ्रिजर ट्रक में रखना पड़ा था. अब करीब एक साल बाद भी कई शव ऐसे ही फ्रिजर ट्रकों में रखे हुए हैं और इन्हें दफन नहीं किया गया है.
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस का पीक अलग वक्त पर आया है. अमेरिका के न्यूयॉर्क में ये पिछले साल आया था, तब हालात ये थे कि प्रशासन को कोविड मरीजों के शवों को फ्रिजर ट्रक में रखना पड़ा था. अब करीब एक साल बाद भी कई शव ऐसे ही फ्रिजर ट्रकों में रखे हुए हैं और इन्हें दफन नहीं किया गया है. एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन ने इस बात को माना है कि करीब 750 शव अभी भी स्टोर किए गए हैं, जबकि उनका दफन किया जाना बाकी है. अब धीरे-धीरे इन शवों को दफन करना शुरू किया जा रहा है. न्यूयॉर्क शहर में स्थित हार्ट आइसलैंड सबसे बड़ा कब्रिस्तान है, जहां पर गरीबों या अनजान लोगों के शवों को दफनाया जाता है, अब जो शव दफन होने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें भी यहां पर लाया जाएगा. अभी स्थानीय प्रशासन द्वारा इन मृत लोगों के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल मार्च-अप्रैल में न्यूयॉर्क कोरोना वायरस की सबसे बुरी मार झेल रहा था. ऐसे में तब लगातार लोगों की मौत हो रही थी, तब काफी शवों को स्टोर कर दिया गया था क्योंकि कई परिवार अपने परिजनों को सही तरीके से विदा करना चाहते थे. अब करीब एक साल बाद अमेरिका कोरोना की मार से उबर रहा है, लेकिन अभी भी संकट बरकरार है और अमेरिका ही कोरोना की मार झेलने वाला सबसे बड़ा देश है. कोरोना के कारण अमेरिका में करीब 6 लाख मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि वहां अभी भी 64 लाख एक्टिव केस हैं.
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