
नई H-1B वीजा फीस होगी 88 लाख! जानिए- कैसे ट्रंप की पॉलिसी से ध्वस्त हो रहे इंडियन इमिग्रेंट्स के सपने
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विदेश में पढ़ाई, नौकरी या घूमने का सपना हर साल लाखों भारतीय देखते हैं. लेकिन हकीकत में वीजा मिलना इतना आसान नहीं होता. एजेंट्स के झांसे, फर्जीवाड़ा और नियमों की पेचीदगियां कई बार लोगों के अरमानों पर पानी फेर देती हैं. हर रिजेक्शन सिर्फ डॉक्यूमेंट की गलती नहीं, बल्कि उस सिस्टम की कहानी है जो सपनों की उड़ान को रोक देता है.
कन्फ्यूजन, डर और जल्दबाजी में उठाए गए कदम...यही हालात रहे उस वीकेंड में जब अमेरिका में H-1B वीजा पर काम कर रहे सैकड़ों भारतीयों की जिंदगी अचानक उलट-पुलट हो गई. वजह बनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वो सरप्राइज ऑर्डर जिसमें H-1B वीजा की फीस को बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया गया.
कौन है असली खलनायक?
साल 2024 में कुल H-1B वीजा होल्डर्स का करीब 71% हिस्सा भारतीय थे. आज ये सभी उलझन में पड़ गए हैं. हालात ये है कि अफरातफरी मची हुई है. बड़ी टेक कंपनियों के इंटरनल ईमेल (जो बाद में X पर वायरल हो गए) में H-1B कर्मचारियों को कम से कम 14 दिनों तक विदेश न जाने की सलाह दी गई. वहीं बाहर काम कर रहे लोग तुरंत अमेरिका लौटने के लिए फ्लाइट टिकट बुक करने लगे और इमिग्रेशन लॉयर्स नई पॉलिसी को समझने में जुट गए.
आसमान पर टिकटों की कीमतें
आखिरी मिनट में टिकट बुकिंग के चलते भारत के बड़े शहरों जैसे दिल्ली और मुंबई से न्यूयॉर्क, नेवार्क, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के लिए उड़ानों के किराए अचानक बढ़ गए. इंडिया टुडे की OSINT टीम ने गूगल फ्लाइट्स डेटा का एनालिसिस किया. इसमें पता चला कि शिकागो रूट पर दिल्ली से टिकट का दाम सामान्य ₹35,000 से बढ़कर ₹48,276 हो गया, वहीं मुंबई से यह ₹49,076 तक पहुंच गया.
व्हाइट हाउस की सफाई, लेकिन डर बाकी

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