देश के सर्वोच्च पद पर होने के बाद भी परिवार को देते हैं समय, राष्ट्रपति के कानपुर आने से खुश है परिवार
ABP News
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भतीजे पंकज कोविंद ने राष्ट्रपति के पैतृक गांव परौख और झींझक कस्बे में आने लेकर खुशी जाहिर की है. परिवार के नन्हें सदस्य भी राष्ट्रपति के आने से खुश दिख रहे हैं.
कानपुर: मौजूदा समय में लोगों को जहां एक ओर अपने पदों की जिम्मेदारी संभालने की जद्दोजहद करनी पड़ती है तो वहीं अपने पारिवारिक रिश्तों को भी कायम रखने की चिंता होती है. आगे बढ़ने की होड़ में लोग परिवारिक रिश्तों और संबंधों से दूर हो जाते हैं. लेकिन, देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अनोखी शख्सियत के धनी हैं. अहम पदों की जिम्मेदारी संभालने के बाद भी राष्ट्रपति अपने पारिवारिक संबंधों का बखूबी निर्वाह करते हैं. साथ ही उनका सरल स्वभाव भी परिवार के प्रत्येक छोटे बड़े सदस्य के उनके प्रति सम्मान और लगाव को और बढ़ाता है. इतना ही नहीं उनका अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि से लगाव परिवार के लोगों को गौरवान्वित कर रहा है. इसी संबंधों के चलते राष्ट्रपति अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर 25 जून को दिल्ली से कानपुर के लिए रवाना होंगे और 27 जून को अपने पैतृक गांव कानपुर देहात के परौख और कर्मभूमि कानपुर देहात के ही पुखरायां आएंगे. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर एबीपी गंगा की टीम ने उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की है. क्षेत्र का विकास होने की आशाराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भतीजे पंकज कोविंद ने राष्ट्रपति के पैतृक गांव परौख और झींझक कस्बे में आने लेकर खुशी जाहिर की है, साथ ही अपने आप को धन्य मान रहे हैं. यही नहीं उन्होंने राष्ट्रपति के आने के बाद क्षेत्र का विकास होने की आशा भी व्यक्त की. पंकज कोविंद की मानें तो ''राष्ट्रपति बनने के बाद उनके चाचा रामनाथ कोविंद 4 साल बाद अपने पैतृक गांव परौख आ रहे हैं, जिससे परिवार के लोगों के साथ-साथ लोगों में खुशी है. राष्ट्रपति बनने के बाद अपने व्यस्त शेड्यूल के चलते गांव ना आ पाने के बावजूद भी राष्ट्रपति बराबर गांव, क्षेत्र और जिले के विकास के विषय में जानकारी लेते थे. परिवार के सदस्यों, मित्रों और ग्रामीणों के विषय में भी महामहिम जानकारी लेते रहते थे. अब राष्ट्रपति जी गांव आ रहे हैं, जो हम सबके लिए गर्व की बात है.''More Related News