दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा क्या कह दिया जिससे युवा बनाम बुज़ुर्ग ज़िंदगियों पर बहस छिड़ गई?
BBC
दिल्ली हाईकोर्ट में म्यूकरमायकोसिस के बढ़ते मामलों और इलाज के लिए दवा एम्फ़ोटेरिसिन बी की कमी से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान ऐसा कुछ हुआ, जिस पर देश भर में चर्चा हो रही है.
"अगर दवा की कमी की वजह से एक बीमारी से पीड़ित सभी लोगों का इलाज नहीं किया जा सकता, तो ये केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि एक पॉलिसी बनाई जाए, जिसमें बताया जाए कि दवा किन्हें देनी है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा ज़िंदगियाँ बचाई जा सके. ऐसी पॉलिसी बनाते समय क़ानून और चिकित्सा क्षेत्र के जानकारों की राय ली जानी चाहिए. जिन लोगों के बचने की संभावना ज़्यादा है, दवा देने में उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है. उसी तरह से अगर, दो ज़िंदगियों के बीच चुनना हो, जिनमें दोनों के जीने की संभावना बराबर हो तो युवा मरीज़, जो देश का भविष्य हैं उनको बुजुर्गों के मुक़ाबले, जो अपनी ज़िंदगी जी चुके हैं, प्राथमिकता दी जा सकती है." दिल्ली हाईकोर्ट में म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) के बढ़ते मामलों और इलाज के लिए दवा एम्फ़ोटेरिसिन बी की कमी से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया है.More Related News