
जोरदार धमाका, धुएं का गुबार... 15 मिनट तक चली गोलियां, दंतेवाड़ा नक्सली हमले के चश्मदीद की आंखों देखी
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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार दोपहर को नक्सलियों ने घात लगाकर डीआरजी के जवानों को आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया था. इस हमले में 10 जवान शहीद हो गए. इसके अलावा एक ड्राइवर की भी जान चली गई. जवानों के वाहन पर जब यह हमला हुआ तो काफिले में शामिल दूसरी गाड़ी का ड्राइवर इस हमले का चश्मदीद बन गया.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को हुए नक्सली हमले में डीआरजी के 10 जवान शहीद हो गए थे. इस घातक हमले को कुछ लोगों ने अपनी आंखों से देखा. जवानों के वाहन के ठीक पीछे आ रही एक स्कॉर्पियो के चालक ने यह सब देखा. उसका कहना है कि वह अपने पूरे जीवन में इस हमले को नहीं भूल पाएगा.
ड्राइवर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया-'मेरा वाहन काफिले में दूसरे स्थान पर था. मेरे वाहन में सात सुरक्षाकर्मी थे. जिस जगह धमाका हुआ, उससे 150-200 मीटर पहले मैंने पान मसाला चबाने के लिए गाड़ी धीमी कर ली थी. हमारे पीछे वाले एक मल्टी-यूटिलिटी वाहन ने हमें ओवरटेक किया और अचानक एक धमाका हो गया. इस धमाके में 10 जवान शहीद हो गए और वाहन चालक की भी जान चली गई.
ड्राइवर ने बताया कि विस्फोट होने के तुरंत धूल और धुएं का गुबार छंटने से पहले ही उसके वाहन में यात्रा कर रहे सभी सुरक्षाकर्मी कूद गए और सड़क के किनारे लेटकर अपने पोजिशन लेते हुए नक्सलियों को घेरने की बात कहते हुए जंगल की ओर अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे. मुझे लगता है कि निशाना मेरा वाहन था लेकिन भगवान ने हमें बचा लिया.
उसने कहा- “वाहन मेरे सामने उड़ाया गया था. मैंने सड़क पर लाशों के टुकड़े और वाहन बिखरा हुए देखा. मैं पूरी तरह से चौंक गया और छिपने के लिए अपने वाहन के नीचे रेंगता हुए घुस गया. चालक ने बतया कि करीब 15 मिनट तक गोलीबारी होती रही लेकिन उसे जंगल में कोई हलचल नजर नहीं आई.
उसने बताया- “सुरक्षाकर्मियों ने मुझे अरनपुर लौटने के लिए कहा. जिसके बाद मैं हमले की जगह से लगभग एक किमी दूर पुलिस स्टेशन लौट गया. वापस लौटते समय मैंने पुलिसकर्मियों को लेकर आ रहे दो वाहनों को हमलने की जानकारी दी. हालांकि, तब तक उन्हें आभास हो गया था कि कुछ हुआ है क्योंकि विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी कि इसे दूर से भी सुना जा सकता था.

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