चीन के प्रति अमेरिकी नीति बहुत नकारात्मक: शीर्ष राजनयिक
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युचेंग ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा जलवायु परिवर्तन पर अगले सप्ताह बुलायी गयी बैठक में चीन के कोई नई प्रतिबद्धता जताने की संभावना नहीं है.
बीजिंग: चीन के एक शीर्ष राजनयिक ने चीन पर अमेरिकी नीति को 'बहुत नकारात्मक' करार देते हुए कहा कि यह सहयोग पर टकराव को दर्शाता है. विदेश मामलों के उपमंत्री ले युचेंग ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन कोविड और आर्थिक सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और ऐसे में सहयोग महत्वपूर्ण हो सकता है. युचेंग ने एक साक्षात्कार में कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग से कई कठिनाइयों पर सफलता हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा और टकराव पर जोर देने से भविष्य में दीर्घकालीन सहयोग की संभावना कमजोर होती है. युचेंग ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा जलवायु परिवर्तन पर अगले सप्ताह बुलायी गयी बैठक में चीन के कोई नई प्रतिबद्धता जताने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने बाइडन के जलवायु राजदूत जॉन केरी से बात की और वह शंघाई में बैठक के दूसरे दिन इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन पर चीन की पुरानी प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए उन्होंने कहा, '1.4 अरब आबादी वाले बड़े देश के लिए लक्ष्यों को पूरा करना आसान नहीं है. कुछ देश चीन से जलवायु परिवर्तन के मामले में और करने को कह रहे हैं. मुझे लगता है कि यह व्यावहारिक नहीं है.'हत्या की एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुन हर कोई हैरान-परेशान है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो एक 28 वर्षीय शख्स ने अपनी 26 वर्षीय पत्नी की क्रूरता से चाकू मारकर हत्या कर दी. इसके बाद उसके मृत शरीर को 200 से अधिक टुकड़ों में काट दिया और उन टुकड़ों को अपने दोस्त की मदद से नदी में बहा दिया. इसके लिए उसने अपने दोस्त को 5000 रुपये भी दिए.
द गार्जियन ने भारत और पाकिस्तान के कुछ खुफिया कर्मचारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों की टारगेटेड किलिंग करवाई. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे 'झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार'बताया. मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले खंडन पर जोर दिया कि अन्य देशों में टारगेटेड किलिंग 'भारत सरकार की नीति के अनुरूप नहीं थीं.'