
गांवों में कैसे फैला कोरोना, कहां चूक गईं सरकारें, क्या हैं आगे की तैयारियां-चुनौतियां?
AajTak
कोरोना की दूसरी लहर ने अपने पैर पसारने शुरू किए तो इसने ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर लिया है. यही कारण है कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हर कोई चिंतित है और एक्सपर्ट्स लगातार गांवों को बचाने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में सरकारों की ओर से अभी तक क्या तैयारियां की गई हैं, क्या किया जा रहा है और कहां पर लापरवाही देखने को मिली है, एक नज़र डालिए...
कोरोना वायरस से लड़ते हुए भारत को अब डेढ़ साल हो गया है. इस महामारी ने शुरुआत में तो बड़े शहरों में जमकर तबाही मचाई, लेकिन अब जब कोरोना की दूसरी लहर ने अपने पैर पसारने शुरू किए तो इसने ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर लिया है. यही कारण है कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हर कोई चिंतित है और एक्सपर्ट्स लगातार गांवों को बचाने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में सरकारों की ओर से अभी तक क्या तैयारियां की गई हैं, क्या किया जा रहा है और कहां पर लापरवाही देखने को मिली है, एक नज़र डालिए...केंद्र ने राज्य सरकारों से की ये अपील... रविवार को केंद्र सरकार के द्वारा ग्रामीण इलाकों में फैल रहे कोरोना के मामलों को लेकर कुछ निर्देश राज्य सरकारों को दिए गए हैं. केंद्र ने अपील की है कि राज्य सरकारों को इन इलाकों में प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स और कम्युनिटी बेस्ड सेंटर्स का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि महामारी को बढ़ने से रोका जा सका. केंद्र ने साथ ही अपील की है कि राज्य सरकारों को अब ग्राउंड लेवल के स्टाफ को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि अंदरूनी इलाकों में स्क्रीनिंग के वक्त इसका इस्तेमाल हो सके और अधिक से अधिक टेस्टिंग की जा सके. दरअसल, रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अगुवाई में सभी राज्यों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें मौजूदा स्थिति और ग्रामीण इलाकों को लेकर तैयारी पर चर्चा की गई.
नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






