गाँधी की तरह जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती ने भी लिया था ब्रह्मचर्य का व्रत
BBC
हाल ही में विमल प्रसाद और सुजाता प्रसाद की लिखी 'द ड्रीम ऑफ़ रिवोल्यूशन' छपी है, जो जयप्रकाश नारायण की जीवनी है. इसमें उनकी पत्नी प्रभावती और उनकी मित्र विजया पटवर्धन के संबंधों पर प्रकाश डाला गया है. आज की विवेचना में रेहान फ़ज़ल नज़र डाल रहे हैं जेपी के जीवन के इस पक्ष पर.
जयप्रकाश नारायण ने 14 अक्तूबर, 1920 को प्रभावती से विवाह किया था. उस समय प्रभावती की उम्र मात्र 14 साल थी. वो ब्रज किशोर प्रसाद की बेटी थीं और उस समय भी पुरुषों की तरह कुर्ता और पायजामा पहना करती थीं.
जेपी उस समय पटना के साइंस कालेज में विज्ञान के विद्यार्थी थे और एक छात्र नेता के रूप में भी उभर रहे थे. प्रभावती महात्मा गाँधी से काफी प्रभावित थीं. वो एक तरह से गाँधी की पूजा करती थीं और ताउम्र उनकी सबसे बड़ी भक्त रहीं. प्रभावती ने गाँधी के अपना बहुत समय साबरमती आश्रम में बिताया.
जयप्रकाश नारायण पर हाल ही में किताब 'द ड्रीम ऑफ़ रिवोल्यूशन' लिखने वाली सुजाता प्रसाद बताती हैं, "प्रभावती ने आश्रम के जीवन को उस तरह अपनाया जैसे मछली पानी को अपनाती है. वो गाँधी की तरफ बहुत आकृष्ट हुईं. गाँधी और कस्तूरबा दोनों उन्हें बहुत मानते थे. 1945 में जब कस्तूरबा आगा ख़ाँ पैलेस में नज़रबंद थीं और क़रीब-क़रीब लगने लगा कि वो इस दुनिया से जाने वाली हैं तो उन्होंने अपने पौत्र कदुम और प्रभावती को अपने पास बुलाया. प्रभावती उस समय भागलपुर जेल में बंद थीं. लेकिन अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें कस्तूरबा के पास जाने की अनुमति दे दी."
सुजाता प्रसाद आगे बताती हैं, "शुरू में प्रभावती और जेपी के विचार मेल नहीं खाते थे. उनके अनीश्वरवाद और मार्क्सवादी समाजवाद से प्रभावती की नहीं बनती थी. लेकिन फिर उनका जेपी पर इतना असर पड़ा कि उन्होंने जेपी को गाँधी का मुरीद बना दिया."