क्या रामविलास पासवान की बनाई विरासत को संभाल पाएंगे चिराग, या हाथ से फिसल जाएगी पार्टी?
ABP News
उम्मीद जगी है कि रामविलास पासवान के जो कोर वोटर रहे हैं, जो लगभग 6 फीसदी का वोटिंग सपोर्ट पार्टी को देते रहे है वो शायद अब बेटे से जुड़ पाएं.
बिहार की राजनीति में इन दिनों तूफान मचा हुआ है. लोकजनशक्ति पार्टी में ऐसी रार मची की आने वाले वक्त में बिहार की राजनीति में भी इसका साइडइफेक्ट साफ साफ देखा जा सकेगा. रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके भाई पशुपति पारस ने खेल कर दिया, लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए और सासंदों को अपने साथ मिला लिया. अब सवाल ये उठ रहा है कि चिराग पासवान का राजनैतिक भविष्य क्या होगा. सवाल ये है कि क्या रामविलास पासवान की बनाई विरासत को चिराग संभाल पाएंगे या पार्टी की ही तरह वो भी हाथ से फिसल जाएगी. तो इन सवालों के जवाब से जो राज की बात निकलकर आ रही है वो ये कि विरासत बचे या न बचे लेकिन चिराग पासवान उसे आसानी से जाने नहीं देगे. राज की बात ये है कि विरासत बचे या न बचे पर चिराग अपना व्यक्तिगत राजनैतिक वजूद बचा ले जाएंगे जिसका विकल्प उनके सामने आ गया है. हालांकि जो विकल्प चिराग के सामने है उसे थामने से पहले वो सियासत के मैसेज गेम को साधेंगे फिर अगला कदम बढ़ाया जाएगा.More Related News