
कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर होनी चाहिए स्पष्ट गाइडलाइन, बोले सुप्रीम कोर्ट के जज BR गवई
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भारत के होने वाले मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने केन्या में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सोशल मीडिया पर अदालती सुनवाई के दौरान की छोटी-छोटी क्लिप के वायरल होने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का प्रबंधन न्यायपालिका के लिए एक उभरता हुआ मुद्दा है.
केन्या में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के अगले सीजेआई जस्टिस बीआर गवई ने महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया है. उन्होंने अपने वक्तव्य में अदालती सुनवाई के दौरान के छोटे-छोटो क्लिप वायरल होने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि अदालत की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग के लिए स्पष्ट गाइडलाइन स्थापित करने की जरूरत पर जोर दिया.
दरअसल, भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में शामिल सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश सूर्यकांत भारत और केन्या के सुप्रीम कोर्ट के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक हफ्ते तक चलने वाले प्रोग्राम में भाग ले रहे हैं.
7 मार्च से 15 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम का विषय पर 'न्याय देने और न्यायिक सिस्टम के अंदर प्रौद्योगिकी को अपनाना' (Justice Delivery and the Adoption of Technology within the Judicial System) पर केंद्रित है.
'कई बार कार्यवाही हो जाती है सनसनीखेज'
भारत के होने वाले अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं भारतीय अनुभव से एक और चिंता को उजागर करना चाहूंगा. न्यायालय की सुनवाई के छोटे क्लिप अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल किए जाते हैं, पर कभी-कभी इस तरह से कार्यवाही सनसनीखेज (खतरनाक) हो जाती है. जब इन क्लिप को संदर्भ से बाहर निकाला जाता है तो इससे गलत सूचना, न्यायिक चर्चाओं की गलत व्याख्या और गलत रिपोर्टिंग हो सकती है.'
इसके अलावा यूट्यूबर्स समेत कई कंटेंट क्रिएटर्स ने अदालत की कार्यवाही के छोटे-छोटे क्लिप्स को अपना खुद का कंटेंट के रूप में फिर से अपलोड करते हैं, जिससे इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स और कोर्ट की खुद की ज्यूडिशियल रिकॉर्डिंग के बारे में में गंभीर सवाल उठाते हैं. इस तरह के कंटेंट का अनधिकृत इस्तेमाल और संभावित मुद्रीकरण सार्वजनिक पहुंच और नैतिक प्रसारण के बीच लाइनों को धुंधला कर देता है.

नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. बिहार के मंत्री और पटना के विधायक नबीन को पार्टी का युवा चेहरा माना जाता है. उन्होंने लंबे समय तक संगठन और चुनाव में अनुभव हासिल किया है. भाजपा ने उनका चयन लंबे समय के निवेश के रूप में किया है. यह जिम्मेदारी भारत के बड़े चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति का हिस्सा है.

आखिरकार बीजेपी को लंबी तलाश के बाद नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल ही गया है. बिहार के मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. नितिन नबीन बिहार में इस वक्त सड़क निर्माण मंत्री हैं. नितिन नबीन पटना के बांकीपुर से बीजेपी विधायक हैं और उन्हें बिहार का युवा चेहरा माना जाता है. वो भारतीय युवा जनता मोर्चा के महासचिव भी रह चुके हैं.

आखिरकार बीजेपी को लंबी तलाश के बाद नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल ही गया. बिहार के मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. नितिन नबीन बिहार में इस वक्त सड़क निर्माण मंत्री हैं. नितिन नबीन पटना के बांकीपुर से बीजेपी विधायक हैं और उन्हें बिहार का युवा चेहरा माना जाता है. वो भारतीय युवा जनता मोर्चा के महासचिव भी रह चुके हैं.

नितिन नबीन को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. वे बिहार सरकार में मंत्री हैं और संगठन में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं. नितिन नबीन ने पिछले कई वर्षों से युवा राजनीति और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय योगदान दिया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उनकी रणनीति और नेतृत्व ने बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई थी.









