कोरोना: प्रक्रियाओं में अटक जा रही विदेशों से भेजी गई भारतीय प्रवासियों की मदद
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कोरोना संकट के बीच चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी के चलते भी देश को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. देश विदेश से कई मदद के हाथ आगे आ रहे हैं. भारतीय प्रवासी विदेशों से चिकित्सा उपकरण भेज रहें हैं लेकिन उन्हें ऐसा करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बूरी तरह जूझ रहा है. कोरोना संकट के बीच चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी के चलते भी देश को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. देश विदेश से कई मदद के हाथ आगे आ रहे हैं. भारतीय प्रवासी विदेशों से चिकित्सा उपकरण भेज रहें हैं लेकिन उन्हें ऐसा करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. भारतीय प्रवासी के प्रतिनिधियों का कहना है कि उन्हें देश में गैर सरकारी संगठनों, अस्पतालों को चिकित्सा सहायता भेजनी मुश्किल हो रही है. उनका कहना है कि क्लियरेंस प्रॉसेस और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स रेट (IGST) के चलते मदद भेजने में मुश्किल हो रही है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कई खेप IGST नियमों के कारण हवाई अड्डों पर पड़ी हैं. एम्स्टर्डम, नीदरलैंड में भारतीय प्रवासी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने भारत को चिकित्सा सहायता भेजने के लिए एक अभियान शुरू किया है.पुणे के हिट एंड रन केस में आज कई खुलासे हुए. अब पुणे पुलिस उस आदेश की भी जांच कर रही है जिसमें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को हादसे पर निबंध लिखने की सजा देकर घर जाने दे दिया था. पुलिस ये पता लगा रही है कि क्या ऐसी सजा बोर्ड ने अपनी मर्जी से सुनाई या उस बोर्ड के सदस्य पर किसी का कोई प्रभाव था. देखें रणभूमि.
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