
केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, हजारों तीर्थयात्री बने साक्षी
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केदारनाथ के कपाट बुधवार को भैया दूज के अवसर पर शीतकाल सीजन के लिए बंद कर दिये गये. भगवान शिव को समर्पित हिमालय मंदिर के दरवाजे पूजा और पारंपरिक अनुष्ठानों के बीच सुबह 8.30 बजे बंद कर दिए गए.
केदारनाथ के कपाट बुधवार को भैया दूज के अवसर पर शीतकाल सीजन के लिए बंद कर दिये गये. भगवान शिव को समर्पित हिमालय मंदिर के दरवाजे पूजा और पारंपरिक अनुष्ठानों के बीच सुबह 8.30 बजे बंद कर दिए गए. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि 2,500 से अधिक तीर्थयात्री सुबह की भीषण ठंड के बावजूद समापन समारोह में शामिल हुए. सर्दियों के दौरान मंदिर पूरी तरह से बर्फ से ढका रहता है.
पिछले कुछ दिनों से हो रही बर्फबारी के कारण केदारनाथ और आसपास के इलाके ताजा बर्फ से ढक गए हैं और ठंडी हवाएं चल रही हैं. कपाट बंद होने के बाद, भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली, पुजारियों के कंधों पर, जुलूस के रूप में ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए रवाना हुई, जहां भगवान की शीतकाल के दौरान पूजा की जाएगी. अजय ने कहा, इस सीजन में 19.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिर का दौरा किया.
कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ रवाना हो गई है. अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है.

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