एंबुलेंस के लिए अस्पताल ने मोटी रकम, बेटे का शव स्कूटर पर 90 Km तक ले गया पिता
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तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल से लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक पिता को अपने बेटे का शव ले जाने के लिए अस्पताल वालों से एंबुलेंस नहीं मिली. अस्पताल वालों ने एंबुलेंस के लिए मोटी रकम मांगी. मजबूरन पिता को स्कूटर में बेटे का शव 90 किमी दूर अपने गांव ले जाना पड़ा.
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस ना मिलने पर एक गरीब पिता को अपने बेटे का शव स्कूटर पर ले जाना पड़ा. मामला श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया अस्पताल का है. जानकारी के मुताबिक, लड़के की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हो गई थी. जिसके बाद शव ले जाने के लिए उसके पिता ने अस्पताल से एंबुलेंस का पता किया, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली.
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अस्पताल में मौजूद स्टाफ और एंबुलेंस ड्राइवर ने उनसे शव ले जाने के लिए मोटी रकम की मांग की. यहां तक की बाहर से भी किसी एंबुलेंस को एंट्री देने से इनकार कर दिया. पैसे ना होने के कारण गरीब पिता ने स्कूटर के जरिए बेटे का शव अन्नामय्या जिले के चितवेल मंडल स्थित अपने गांव ले जाने का फैसला किया. बता दें, यह गांव अस्पताल से 90 किलोमीटर है.
यह बात तेजी से हर जगह फैल गई जिसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया. अस्पताल सुप्रिटेंडेंट डॉ. भारती के अनुसार, उन्होंने नाइट ड्यूटी पर मौजूद सभी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को बुलाया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है.
इस बीच, विपक्षी तेुलुगु देशम पार्टी (TDP) ने घटना को लेकर सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा. TDP एमएलसी नारा लोकेश ने कहा, ''90 किलोमीटर एक पिता को दोपहिया वाहन पर बेटे के शव को ले जाने के लिए मजबूर किया गया.'' उन्होंने निजी एम्बुलेंस माफिया द्वारा राज्य में लोगों को लूटने का भी आरोप लगाया और सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी से इस पर एक्शन लेने को कहा.
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