
इंटर्न ने शेयर की ऐसी सेल्फी, बदलने पड़े जेल के 600 से ज्यादा ताले!
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युवक को जर्मनी के बर्लिन-ब्रैंडेनबर्ग महानगरीय क्षेत्र में जेवीए हीडरिंग जेल में इंटर्नशिप मिली थी. युवक के दोस्त उससे नई नौकरी के बारे में जानना चाहते थे. युवक अपने दोस्तों को दिखाना चाहता था कि उसकी नई नौकरी कितनी शानदार थी. यही दिखाने के लिए उस युवक ने कथित तौर पर जेल के अंदर खुद की एक फोटो ली और अपने दोस्तों को भेज दी. उस तस्वीर में जेल की चाबियों का पूरा गुच्छा भी था
जब कोई भी शख्स अपने जीवन की पहली नौकरी शुरू करता है तो उसकी कोशिश रहती है की वो अपने नियोक्ता की नजर में अच्छी छवि बनाए. लेकिन जर्मनी में एक इंटर्न ने जो किया वो जानकर आप हैरान रह जाएंगे. उसकी एक गलती ने उसे घर बिठा दिया और इंटर्नशिप भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं) दरअसल उस युवक को जर्मनी के बर्लिन-ब्रैंडेनबर्ग महानगरीय क्षेत्र में जेवीए हीडरिंग जेल में इंटर्नशिप मिली थी. युवक के दोस्त उससे नई नौकरी के बार में जानना चाहते थे. युवक अपने दोस्तों को दिखाना चाहता था कि उसकी नई नौकरी कितनी शानदार थी. यही दिखाने के लिए उस युवक ने कथित तौर पर जेल के अंदर खुद की एक फोटो ली और अपने दोस्तों को भेज दी. उस तस्वीर में जेल की चाबियों का पूरा गुच्छा भी था. जो तस्वीर उसने दोस्तों को व्हाट्सऐप के जरिए भेजी उसमें वो जेल की सबसे महत्वपूर्ण चाबियों को पकड़े हुए नजर आ रहा था. इसमें वो चाबियां भी थी जो सभी सेल और वहां के दरवाजों को बंद करने के काम आती थी. चाबियों की तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद जेल प्रशासन सकते में आ गया क्योंकि उस जेल में 657 कैदी बंद थे. चाबियों की तस्वीर के जरिए नकली चाबी बनाकर वो जेल से भाग सकते थे.
Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









