
अल-अक्सा मस्जिद पर क्यों भिड़े रहते हैं यहूदी-मुस्लिम? जानें पूरी कहानी
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यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद को लेकर अरब देशों और इजरायल के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है. दरअसल, मंगलवार को इजरायली सुरक्षा मंत्री ने मस्जिद का दौरा किया था. जिसके बाद अरब देशों ने चेतावनी दी है. वहीं, चीन और यूएई ने सुरक्षा परिषद में बैठक बुलाई. फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री ने कहा है कि इजरायली मंत्री का यह दौरा मस्जिद को यहूदी मंदिर में बदलने की कोशिश है. अल-अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है.
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और कट्टर दक्षिणपंथी नेता इतामार बेन-गविर के अल-अक्सा मस्जिद दौरे के बाद अरब देशों और इजरायल के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर है. इस्लामिक देशों की चेतावनी और फलिस्तीनी इस्लामिक संगठन हमास की धमकी के बाद इजरायली मंत्री ने कहा कि इजरायल सरकार हमास से डरने वाली नहीं है.
दरअसल, इजरायली मंत्री ने मंगलवार को यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद का दौरा किया था. इस दौरे के बाद पाकिस्तान, मिस्र, कतर समेत कई अन्य अरब देशों ने इजरायल को चेतावनी देते हुए इस दौरे की कड़ी निंदा की है.
इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद दौरे के बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई. इस बैठक में फिलीस्तीन के प्रतिनिधि और बाकी मुस्लिम देशों ने इजरायल को जमकर घेरा.
आइए जानते हैं कि आखिर पूरा विवाद क्या है जो इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद दौरे के बाद अरब देश और इजरायल आमने-सामने आ गए हैं...
अल-अक्सा मस्जिद को लेकर क्या है विवाद
इजरायल की राजधानी यरुशलम स्थित यह मस्जिद दुनिया के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में शुमार है. अल-अक्सा मस्जिद यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में भी शामिल है. चांदी के गुंबद की बनी यह मस्जिद 35 एकड़ में फैली हुई है. इसे 'अल-हराम अल शरीफ' के नाम से भी जाना जाता है.

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