
अमेरिका में प्रो-फिलिस्तीन प्रोटेस्ट हुआ हिंसक, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में इजरायल समर्थक छात्रों से झड़प
AajTak
इजरायल के विरोध में ये प्रदर्शन देशभर में आग की तरह फैल रहा है. कोलंबिया यूनिवर्सिटी में छात्र लगभग दो हफ्ते से कैंपस में टेंट लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में एक्शन में आई न्यूयॉर्क पुलिस ने छात्रों को गिरफ्तार कर कैंपस को खाली करा लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के 109 और सिटी कॉलेज के 173 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया.
अमेरिका में इजरायल के खिलाफ और फिलिस्तीन के समर्थन में छात्रों का प्रदर्शन लगातार तेज हो रहा है. अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स सड़कों पर हैं. इस बीच न्यूयॉर्क पुलिस ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के 300 से अधिक छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है.
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हिंसक प्रदर्शन हुए. यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसक टकराव हुआ, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के हैमिल्टन हॉल पर कब्जा किए छात्रों को हटाया. ये लोग 30 अप्रैल से इस हॉल पर कब्जा जमाए थे.
बता दें कि हैमिल्टन हॉल रंगभेद के खिलाफ जारी संघर्षों के लिए जाना जाता रहा है. हालांकि,अब उसे हिंद हॉल कहा जा रहा है, जो हिंद रज्जाब की याद दिलाता है. हिंद रज्जाब छह साल की एक बच्ची थी, जो गाजा में इजरायल की बमबारी में परिवार सहित मारी गई थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के 109 और कैंपस के सिटी कॉलेज के 173 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे घटनाक्रम पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने जारी बयान में कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस कैंपस पहुंची थी. हमें पता चला था कि छात्रों ने कैंपस के भीतर हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया था. ऐसे में हमारे पास कोई विकल्प नहीं था.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पुलिस के एक्शन के बाद न्यूयॉर्क के मेयर ने कहा कि हमारे शहर में नफरत की कोई जगह नहीं है. इसके लिए ऐसे लोग जिम्मेदार हैं, जो तनाव बढ़ाने के लिए युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसा में तब्दील होते नहीं देख सकते. युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का एजेंडा चल रहा है, ऐसे में हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी पुलिस छावनी में तब्दील

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







