
अदिति तटकरे के झंडा फहराने से रायगढ़ में शिवसेना की नाराजगी, गार्जियन मिनिस्टर विवाद बढ़ा
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जनवरी 2025 में अदिति तटकरे को रायगढ़ का गार्जियन मिनिस्टर बनाया गया था लेकिन शिवसेना ने इसका विरोध किया. शिवसेना का कहना है कि रायगढ़ में उनके तीन विधायक हैं, जबकि एनसीपी का सिर्फ एक, इसलिए यह पद भरत गोगावाले को मिलना चाहिए. इस विरोध के बाद तटकरे की नियुक्ति पर रोक लगी थी.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना में रायगढ़ जिले को लेकर विवाद बढ़ गया है. स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का सम्मान एनसीपी की अदिति तटकरे को देने का फैसला हुआ है, जबकि शिवसेना के मंत्री भरत गोगावाले इसकी उम्मीद कर रहे थे. वहीं, नासिक में बीजेपी के मंत्री गिरीश महाजन को यह जिम्मेदारी दी गई है जिससे शिंदे की शिवसेना को एक और झटका लगा है. ये तनाव महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) में रायगढ़ के गार्जियन मिनिस्टर पद को लेकर चल रहे विवाद को और बढ़ा रहा है.
क्या है गार्जियन मिनिस्टर विवाद?
पिछले दस महीनों से जब से महायुति सरकार सत्ता में आई है, रायगढ़ के गार्जियन मिनिस्टर पद को लेकर खींचतान चल रही है. ये पद जिला योजना और विकास परिषद की देखरेख करता है इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है. जनवरी 2025 में अदिति तटकरे को रायगढ़ का गार्जियन मिनिस्टर बनाया गया था लेकिन शिवसेना ने इसका विरोध किया. शिवसेना का कहना है कि रायगढ़ में उनके तीन विधायक हैं, जबकि एनसीपी का सिर्फ एक, इसलिए यह पद भरत गोगावाले को मिलना चाहिए. इस विरोध के बाद तटकरे की नियुक्ति पर रोक लगी थी.
गोगावाले और तटकरे की पुरानी रंजिश
गोगावाले और तटकरे के बीच स्थानीय राजनीति को लेकर पुरानी प्रतिद्वंद्विता है. इस फैसले के बाद शिवसेना समर्थकों ने मुंबई-गोवा हाईवे को कुछ देर के लिए जाम कर विरोध जताया.
झंडा फहराने का फैसला और बढ़ा विवाद

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