WHO ने कहा- कोरोना से बचने के लिए Social Distancing जरूरी नहीं? जानिए इसकी सच्चाई
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सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कोरोना एक सीजनल वायरस है. इससे बचने लिए जिस्मानी दूरी और आइसोलेशन की ज़रूरत नहीं है.
नई दिल्ली: पूरा मुल्क कोरोना बोहरान से गुज़र रहा है. ये सूरते हाल करीब डेढ़ साल से जारी है. इस दौरान इस मोज़ी मर्ज़ और इससे बचाव के तरीकों पर काफी गौर व खौज़ किया गया है. रिसर्च में ये बात सामने आई है कि कोरोना से मुम्किन हद तक बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग बहुत ज़रूरी है. हुकूमत से लेकर डॉक्टर्स तक सलाह दे रहे हैं कि तमाम लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल करने की ज़रूरत है. लेकिन हालिया दिनों सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि कोरोना से अपने आप को पचाने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की ज़रूरत नहीं है. ऐसे में जानते हैं कि सोशल मीडिया पर क्या शेयर किया जा रहा है और इसकी सच्चाई क्या है. . द्वारा कथित रूप से के सीजनल वायरस होने का दावा किया जा रहा है जिसमें शारीरिक दूरी और आइसोलेशन की जरूरत नहीं है:यह दावा है। एक संक्रामक रोग है व इसमे अनुकूल व्यवहार अपनाना आवश्यक है। क्या है दावा ? सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कोरोना एक सीजनल वायरस है. इससे बचने लिए जिस्मानी दूरी और आइसोलेशन की ज़रूरत नहीं है. इस पोस्ट में दावा किया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी गलती मानी है और पूरी तरह से यू-टर्न लेते हुए कहा है कि कोरोना एक सीजनल वायरस है, यह मौसम के बदलाव के दौरान होने वाला खांसी, जुकाम, गला दर्द है, इससे घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. इस पोस्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना के मरीज़ को ना तो मास्क पहनने की ज़रूरत है औ ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की ज़रूरत है. मास्क पहनें हाथ धोएं शारीरिक दूरी बनाएंMore Related News