
UNSC का अध्यक्ष बना पाकिस्तान, क्या इंटरनेशनल मंच पर उसकी मौजूदगी भारत के लिए बनेगी चुनौती?
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हाल में पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थाई अध्यक्ष बनाया गया. एक ऐसा देश जिस पर आतंकवादियों को पालने-पोसने और अलग-अलग देशों में अस्थिरता लाने की कोशिश जैसे गंभीर आरोप लगते हैं, वह इतना जिम्मेदार पद कैसे पा गया? क्या इसके सहारे वो कोई डिप्लोमेटिक दांव खेल सकता है?
इस पूरे महीने पाकिस्तान यूएन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) का अध्यक्ष रहेगा. यूएनएससी दुनिया का सबसे मजबूत इंटरनेशनल अंब्रेला है. ऐसे ताकतवर संगठन की प्रेसिडेंसी अगर पाकिस्तान जैसे देश के हाथ में आए, भले ही अस्थाई तौर पर सही, तो क्या हो सकता है? या फिर ये पद प्रतीकात्मक है, जिसका असल पावर से लेना-देना नहीं?
यूएनएसी को यूनाइटेड नेशन्स की सबसे शक्तिशाली संस्था माना जाता है. इंटरनेशनल पीस पर काम करने और सुरक्षा पक्की करने के लिए यूएनएससी तमाम दुनिया पर नजर रखती है. और अगर कहीं युद्ध के आसार हों या लड़ाई चल ही पड़े, जो फैल सकती हो, तब सुरक्षा परिषद के पास सैन्य कार्रवाई करने या आर्थिक-कूटनीतिक पाबंदी लगाने का भी विकल्प है.
काउंसिल में 15 सदस्यों की जगह है. इसकी मेंबरशिप दो तरह की होती है- स्थाई और अस्थाई. पांच देश इसके स्थाई सदस्य हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन. वहीं 10 ऐसे देश भी सदस्य होते हैं, जो हर दो साल में बदलते रहते हैं. इन सारे ही सदस्यों को रोटेशन पर अध्यक्षता संभालने का मौका मिलता है. मतलब ये कि पाकिस्तान भी स्थाई और अस्थाई दोनों ही देशों की प्रेसिडेंसी इस महीने संभालेगा.
अध्यक्षता सिर्फ एक महीने के लिए मिलती है और अंग्रेजी वर्णमाला के मुताबिक रोटेशन होता है. अगर पाकिस्तान या भारत उस समय परिषद के अस्थाई सदस्य हैं, तो उनकी बारी आने पर उन्हें पूरे सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिल जाती है. इसके लिए कोई चुनाव या वोट नहीं होता, बल्कि सबकी बारी आती है. पाकिस्तान को भी किसी वोट से नहीं चुना गया, बल्कि रोटेशन पर नंबर आने से उसे यह मौका मिला.
क्या करता है अध्यक्ष देश - उस महीने चलने वाली मीटिंग्स का एजेंडा तय करना. - बैठकों को चलाने का जिम्मा उसी के पास होता है. - एजेंडा तय करना कि कब, किस मुद्दे पर बात होगी. - प्रेसिडेंशियल बयान जारी करना. - अगर कोई संकट आ जाए तो आपात बैठक का जिम्मा संभालना. - मीडिया के साथ बातचीत करना और यूएन की तरफ से बोलना.

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