The Ghost Flight 401: क्या फ्लाइट इंजीनियर के 'भूत' ने बचाई थी प्लेन में सवार 180 लोगों की जान?
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आज बात करेंगे ईस्टर्न एयरलाइन्स के उस फ्लाइट इंजीनियर के बारे में जिसकी मौत खुद प्लेन हादसे में हो गई थी. लेकिन उसके भूत ने आगे चलकर ईस्टर्न एयरलाइन्स की एक अन्य फ्लाइट के 180 लोगों की जान बचाई. तो क्या था ये पूरा किस्सा चलिए जानते हैं विस्तार से...
तारीख, 19 दिसंबर 1972... ईस्टर्न एयरलाइन्स (Eastern Airlines) की फ्लाइट नंबर 401 न्यूयॉर्क के जॉन एफ. कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ी थी. उसे निर्धारित समय पर फ्लोरिडा के मियामी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Miami International Airport) के लिए उड़ान भरनी थी.
फ्लाइट में कुल 163 यात्री और 13 क्रू मेंबर्स सवार थे. विमान को 55 वर्षीय कैप्टन रॉबर्ट एल्बिन चलाने वाले थे, जिनके पास 29, 700 फ्लाइट आवर्स का एक्सपीरिएंस था. वहीं, 39 वर्षीय फर्स्ट ऑफिसर एलबर्ट जॉन, 51 वर्षीय फ्लाइट इंजीनियर डॉनल्ड लुईस उर्फ डॉन रेपो (Donald Louis "Don" Repo) और 47 वर्षीय टेक्निकल ऑफिसर एंजेलो डोंडियो भी फ्लाइट में उनका सहयोग करने वाले थे.
फ्लाइट टेकऑफ के लिए तैयार थी. सुबह के 9 बजकर 20 मिनट पर फ्लाइट ने उड़ान भर दी. सभी लोग प्लेन की यात्रा का आनंद ले रहे थे. वहीं, क्रू मेंबर्स उनकी सेवा में लगे हुए थे. सब कुछ ठीक चल रहा था. करीब दो घंटे का समय यूं ही बीत गया. फ्लोरिडा बस आने ही वाला था. कैप्टन ने लैंडिंग की तैयारी कर ली थी.
फ्लाइट में लैंडिंग के लिए जरूरी अनाउंसमेंट होने लगी. सभी के चेहरे पर मंजिल तक पहुंचने की खुशी साफ देखी जा सकती थी. लेकिन जैसे ही को-पायलट ने लैंडिंग गियर को खोलने के लिए प्लेन के लिवर को नीचे की तरफ किया. बता दें, इसी लिवर की वजह से ही लैंडिंग गियर को खोला या बंद किया जाता है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जैसे ही लैंडिंग गियर खुला, वैसे ही सामने की स्क्रीन पर ग्रीन इंडिकेटर जलने लगा. को-पायलट ने अपनी तरफ से तो लैंडिंग गियर खोल दिया. लेकिन उनके सामने जो मंजर था वो बेहद डरावना था. उन्होंने देखा कि इंडिकेटर वाली ग्रीन लाइट अब जल ही नहीं रही है. उन्होंने इसकी जानकारी कैप्टन को दी. कैप्टन भी स्क्रीन देखकर हैरान रह गए.
क्योंकि जब तक इंडिकेटर में ग्रीन लाइट नहीं आती है, इसका मतलब प्लेन का लैंडिंग गियर खुला ही नहीं है. इसके बाद उन्होंने खुद भी लिवर को ऊपर नीचे किया. लेकिन लाइट आ ही नहीं रही थी. इसकी जानकारी उन्होंने तुरंत ATC को दी. प्लेन तब तक नीचे आना शुरू हो चुका था. लैंडिंग बस होने ही वाली थी.
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