RBI ने सरकार को दिए रिकॉर्ड 2.10 लाख करोड़ रुपये, चुनाव के बाद नई सरकार की होगी बल्ले-बल्ले
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हर साल RBI निवेश से होने वाली डिविडेंड इनकम को केंद्र सरकार को एक निश्चित राशि के रूप में हस्तांतरित करता है. इस बार बैंकों के शानदार प्रदर्शन के चलते RBI ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये (2,10,874 करोड़) का डिविडेंड देने का ऐलान किया है.
लोकसभा चुनाव के बीच सरकार का खजाना भर गया है. दरअसल, सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए RBI ने केंद्र सरकार का खजाना भरने के लिए भारी भरकम रकम बतौर डिविडेंड देने का फैसला किया है. 2023-24 में 3 लाख करोड़ का मुनाफा कमाने वाले बैंकों के शानदार प्रदर्शन के चलते RBI ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये (2,10,874 करोड़) का डिविडेंड देने का ऐलान किया है.
RBI ने 22 मई को एक बयान में कहा कि ये डिविडेंड बिमल जालान समिति की सिफारिशों के अनुसार दिया जा रहा है, जो 26 अगस्त, 2019 को केंद्रीय बैंक द्वारा अपनाई गई थी. हर साल RBI निवेश से होने वाली डिविडेंड इनकम को केंद्र सरकार को एक निश्चित राशि के रूप में हस्तांतरित करता है. पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक ने केंद्र को डिविडेंड के तौर पर 87,416 करोड़ रुपये दिए थे.
आने वाली सरकार के लिए गुड न्यूज
लेकिन इस साल की राशि कुछ हद तक सबसे बड़ी है और वित्त वर्ष 23 की तुलना में 141% अधिक है. आप अंदाजा लगा सकते हैं आने वाली सरकार को इस डिविडेंड से कितनी मदद मिलेगी. इस राशि से सरकार को अपना वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही नई योजनाओं में खर्च करने में भी मदद मिलेगी. यही नहीं, इतनी बड़ी रकम मिलने से भारत सरकार को विनिवेश के लक्ष्य से चूक जाने के बाद रेवेन्यू कलेक्शन में आई कमी की भरपाई करने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही सरकार की जनकल्याण योजनाओं के लिए पैसा जुटाना भी इस रकम के मिलने के बाद काफी हद तक आसान हो जाएगा.
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज का कहना है कि इस तरह के ऐतिहासिक डिविडेंड से वित्त वर्ष 25 में राजकोषीय घाटे में 0.4% की कमी आएगी. आगामी बजट में घोषित किए जा रहे कम उधार की गुंजाइश अब बॉन्ड बाजारों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगी.
IRCA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, '2.11 ट्रिलियन रुपये की राशि वित्त वर्ष 2025 के लिए अंतरिम बजट में लाभांश और मुनाफे के तहत 1.5 ट्रिलियन रुपये के बजटीय आंकड़े से काफी अधिक है, जिसमें पीएसयू से लाभांश भी शामिल है. बजट से अधिक आरबीआई डिविडेंड वित्त वर्ष 2025 में भारत सरकार के संसाधन को बढ़ाने में मदद करेगी. इसके अलावा, आरबीआई बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर को पहले के 6% से बढ़ाकर 6.5% करने पर भी सहमति जताई है.