
Mankading Laws: क्या है रनआउट का वो नियम, जिस पर दीप्ति शर्मा के एक्शन से बवाल मच गया
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दीप्ति शर्मा ने इंग्लिश बल्लेबाज चार्लोट डीन को मांकड़िंग कर दिया था, जिसके बाद क्रिकेट जगत में इस तरीके से रन-आउट को लेकर बवाल मचा हुआ है. 'मांकड़िंग' शब्द का संबंध टीम इंडिया के दिवंगत ऑलराउंडर वीनू मांकड़ के नाम पर है. साल 1947 में वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को सिडनी टेस्ट में रन-आउट कर दिया था.
भारतीय महिला टीम की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा काफी सुर्खियों में है. इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में आयोजित तीसरे वनडे मैच में दीप्ति ने चार्लोट डीन को मांकड़िंग (रन-आउट) किया था. दीप्ति शर्मा ने जो किया वो आईसीसी के नए नियम के तहत पूरी तरह स्पिरिट ऑफ गेम के तहत सही है. लेकिन कुछ लोगों को यह खेल भावना के खिलाफ लग रहा है.
देखा जाए तो पहले भी कई मौके पर इस तरह से खिलाड़ी मांकड़िंग हो चुके हैं, लेकिन तब इसे आईसीसी ने अनुचित खेल की श्रेणी में रखा था. यानी कि इस तरीके से आउट करना खेल भावना के खिलाफ माना जाता था, परंतु नियमों के मुताबिक यह जायज था. इस प्रकार के रन-आउट को पहले लॉ 41.16.1 (अनुचित खेल) में रखा गया था.
41.16.1 के मुताबिक जब गेंदबाज को लगेगा कि नॉन-स्ट्राइकर एंड का बल्लेबाज बॉल के डिलीवर होने से पहले ही अपनी क्रीज से बहुत पहले बाहर निकल रहा है तो गेंदबाज नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज को रन आउट कर सकता है. इसमें गेंद रिकॉर्ड नहीं होती है लेकिन बैटर आउट हो जाता है.
लेकिन अब आईसीसी ने मांकड़िग को लॉ 41.16.1 से रन-आउट नियम (38) में शिफ्ट कर दिया. मतलब यह है कि अब एक अक्टूबर से मांकड़िंग करना खेल भावना के विरुद्ध नहीं होगा और यह आम रन-आउट माना जाएगा. नतीजतन आने वाले दिनों में इस तरह से रन-आउट चलन में आ सकते हैं.
अबकी बार मांकड़िंग का पूरा वाकया दीप्ति शर्मा द्वारा फेंके गए इंग्लिश पारी के 44 वें ओवर में हुआ. उस समय इंग्लैंड को जीत के लिए 16 रन बनाने थे और चार्लोट डीन आखिरी बल्लेबाज फ्रेया डेविस के साथ क्रीज पर डटी हुई थीं. उस ओवर की चौथी गेंद को डिलीवर होने से पहले ही नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़ीं चार्लोट डीन क्रीज से बाहर निकल गई. दीप्ति ने चालाकी दिखाई और बॉल फेंकने के बजाया बेल्स गिराकर आउट की अपील की.
कैसे पड़ा मांकड़िंग नाम?

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच अब शनिवार (6 दिसंबर) को वाइजैग (विशाखापत्तनम) में है. रांची में भारत जीता और रायपुर में अफ्रीकी टीम ने जीत दर्ज की. वाइजैग के साथ भारत के लिए एडवांटेज यह है कि यहां टीम का रिकॉर्ड शानदार है. यहां कोहली-रोहित चलते हैं, साथ ही 'ब्रांड धोनी' को पहली बड़ी पहचान यहीं मिली थी.












