
Major Shaitan Singh: आखिरी सांस तक लड़ने वाले मेजर, जिनके 120 सिपाहियों ने 1300 चीनियों को किया था ढेर
Zee News
Major Shaitan Singh: भारत-चीन युद्ध (India-China War 1962) के दौरान 18 नवंबर को मेजर शैतान सिंह रेजांग ला में चीनी सैनिकों से भारत भूमि की रक्षा करते-करते शहीद हो गए.
नई दिल्लीः Major Shaitan Singh: तेज चलती बर्फीली हवाएं. शून्य से कम तापमान में खून जमा देने वाली ठंड और इससे बचने के लिए महज सूती कपड़े, कामचलाऊ कोट और जूते. करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई का बर्फीला मैदान, जिस पर लड़ने का कोई अनुभव नहीं. सामने से सेल्फ लोडिंग राइफल्स, असलाह बारूद से लैस होकर आती दुश्मन सेना की बड़ी टुकड़ी, जिसके मुकाबले के लिए थीं आउटडेटेड थ्री नॉट थ्री बंदूकें और थोड़ा गोला-बारूद. कमांडिग ऑफिसर ने तुरंत कोई भी सैन्य मदद दे पाने से हाथ खड़े कर दिए. बिग्रेड के कमांडर का आदेश मिला कि युद्ध करें या चाहें तो चौकी छोड़कर पीछे हट सकते हैं. मतलब हालात हर तरह से विपरीत थे. फिर भी जांबाज सिपाही अपने मेजर के नेतृत्व में दुश्मन सैनिकों से लड़े और ऐसे लड़े कि दुश्मन सेना को तक कहना पड़ा कि हमें सबसे ज्यादा नुकसान यही झेलना पड़ा.
चीनियों ने 18 नवंबर की सुबह किया हमला ये कहानी है रेजांगला की लड़ाई (Rezang La Battle) और मेजर शैतान सिंह (Major Shaitan Singh) की. साल था 1962. रेजांगला के चुसुल सेक्टर में कुमाऊं रेजीमेंट (Kumaon Regiment) की 13वीं बटालियन के 120 जवान तैनात थे. चार्ली कंपनी की कमान मेजर शैतान सिंह के हाथ में थी और सभी जवान 3 पलटन में अपनी-अपनी पोजिशन पर थे. भारत-चीन युद्ध के दौरान ये इकलौता इलाका था, जो भारत के कब्जे में था. LAC पर काफी तनाव था और सर्द मौसम की मार अलग पड़ रही थी. पर जवान मुस्तैदी से सीमा की सुरक्षा में खड़े थे.

Indian Navy Women Officers: भारतीय नौसेना आज के समय दुनिया में सबसे ताकतवर और खतरनाक सेनाओं में अपना नाम बनाए हुए है. नौसेना ने कई बार देश की सुरक्षा और मिशनों में बड़ी भूमिका निभाई है. दुश्मनों को जवाब देने के लिए नौसेना हमेशा तैयार रहती है. नौसेना में कई ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्होंने अपने दम पर इतिहास में नाम दर्ज कराया है.

INS Aridaman: भारतीय नौसेना जल्द ही अपनी सबसे एडवांस्ड न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन INS अरिदमन को फ्लीट में शामिल करने वाली है. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि यह पनडुब्बी अब अंतिम ट्रायल्स में है. जल्दी ही ऑपरेशनल हो जाएगी. अरिहंत-क्लास की यह तीसरी SSBN सबमरीन अब तक की सबसे शक्तिशाली मानी जा रही है. जो भारत की परमाणु क्षमता को एक नए स्तर पर पहुंचाने वाली है.

36 MW Class Gas Turbine Engine: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कॉन्फ्रेंस में बताया कि नौसेना अब पूरी तरह स्वदेशी 36 मेगावॉट क्लास गैस टर्बाइन इंजन, अगली पीढ़ी की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम. फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक विकसित कर रही है. इनका पहला ऑपरेशनल संस्करण 2029 में नौसेना के जहाजों पर आने की उम्मीद है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?








