
Mahabharat : भीष्म से शिशुपाल तक, कुरुक्षेत्र में हर योद्धा था अवतार-दिव्य योद्धा
ABP News
महाभारत यूं तो कौरवों के अत्याचार और पांडवों के सदाचार और धर्म के बीच की लड़ाई मानी गई, लेकिन वास्तविकता में यह युद्ध लड़ने वाला हर योद्धा किसी न किसी देवता अवतार या दिव्य पुत्र था. भीष्म से लेकर अश्वत्थामा और शिशुपाल तक पूर्व जन्म में दिव्य आत्माओं के अंश रहे, जिन्हें पापों का प्राश्श्चित करने के लिए धर्मयुद्ध में उतरना पड़ा.
Mahabharat : महाभारत में पांडवों की ओर से शस्त्र नहीं उठाने का प्रण लेकर आए श्रीकृष्ण विष्णु अवतार थे, तो उनके बड़े भाई बलराम शेषनाग के अंश थे. आठ वसुओं में एक 'द्यु' ने ही शांतनु पुत्र भीष्म के रूप में जन्म लिया था. अरिष्टा के बेटे हंस नामक गंधर्व ने धृतराष्ट्र-पाण्डु के रूप में जन्म लिया. सूर्य के अंश धर्म विदुर थे. कुंती और माद्री के रूप में सिद्धि और धृतिका का जन्म हुआ था, मति का जन्म राजा सुबल की पुत्री गांधारी के रूप में हुआ था. देवताओं के अंश थे पांडवMore Related News
