IIT दिल्ली का कमाल, ऐसे 50 परसेंट से भी कम कर दिया अपना कार्बन फुटप्रिंट
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IIT दिल्ली के पास पहले से ही 2.7 मेगावाट (मेगावॉट्स-पीक) की रूफ-टॉप सोलर पैनल इंस्टाल हैं. IIT दिल्ली पेरिस समझौते के दौरान भारत सरकार द्वारा की गई 'जलवायु परिवर्तन प्रतिज्ञा' के तहत राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्य प्राप्त करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है.
इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस IIT दिल्ली ने अपने कार्बन फुटप्रिंट में 50% से अधिक कमी करके एक और उपलब्धि हासिल कर ली है. इसके साथ ही IIT दिल्ली ऐसा करने वाला पहला केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थान बन गया है. IIT दिल्ली ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश राज्य में 2 मेगावॉट के एक हाइड्रो पावर जनरेटर की द्विपक्षीय बिजली खरीद का कॉन्ट्रैक्ट किया था जिसके चलते यह संभव हो सका है. विद्युत अधिनियम 2003 में ओपन यूज़ के नियमों ने IIT दिल्ली जैसे बड़े उपभोक्ताओं के लिए द्विपक्षीय कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से अपनी पसंद के जनरेटर से बिजली खरीदना संभव बना दिया है. IIT दिल्ली के पास पहले से ही 2.7 मेगावॉट (मेगावॉट्स-पीक) की रूफ-टॉप सोलर पैनल इंस्टाल हैं. IIT दिल्ली पेरिस समझौते के दौरान भारत सरकार द्वारा की गई 'जलवायु परिवर्तन प्रतिज्ञा' के तहत राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्य प्राप्त करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है.More Related News
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