DNA ANALYSIS: जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन क्यों जरूरी है? विस्तार से समझिए
Zee News
Jammu and Kashmir: आपके लिए ये समझना जरूरी है कि परिसीमन क्या होता है और जम्मू-कश्मीर में इसकी जरूरत क्यों है? आखिरी बार वर्ष 1971 में लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन हुआ था, जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का परिसीमन वर्ष 1995 में हुआ था.
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कल 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ दिल्ली में एक बैठक की. ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के 8 दलों के 14 नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं. बैठक में सभी नेताओं को बोलने का मौका मिला और प्रधानमंत्री मोदी ने सबके सुझावों को बहुत ध्यान से सुना. प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि भले हमारे बीच मतभेद हों लेकिन हमें एक साथ मिल कर कश्मीर की दिल्ली से दूरी ही खत्म नहीं करनी, बल्कि कश्मीर की दिल से दूरी भी खत्म करनी है और अनुच्छेद 370 एक ऐतिहासिक भूल है और हमें इसे सुधारना चाहिए.More Related News