
Champions Trophy: यशस्वी जायसवाल के टीम से बाहर होने पर छलका कोच ज्वाला सिंह का दर्द, कप्तान रोहित शर्मा के बयान की दिलाई याद
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यशस्वी जायसवाल को चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारत की फाइनल टीम में जगह नहीं मिल पाई. यशस्वी जायसवाल के टीम से बाहर होने पर उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह हैरान हैं. ज्वाला ने यशस्वी को लेकर रोहित शर्मा के बयान की याद दिलाई.
युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके थे. यशस्वी को प्रोविजनल स्क्वॉड में जगह मिली थी, लेकिन वो फाइनल स्क्वॉड से बाहर कर दिए गए. यशस्वी की जगह मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को भारतीय टीम में जगह मिली. वैसे यशस्वी को नॉन ट्रैवलिंग सब्स्टीट्यूट की लिस्ट में रखा गया है, जिसमें मोहम्मद सिराज और शिवम दुबे भी शामिल हैं.
यशस्वी के कोच का छलका दर्द, कही ये बात
यशस्वी जायसवाल के टीम से बाहर होने पर उनके कोच ज्वाला सिंह हैरान हैं. ज्वाला का दर्द छलक पड़ा. ज्वाला ने यशस्वी को लेकर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के बयान की भी याद दिलाई. वैसे ज्वाला ने उम्मीद जताई कि यशस्वी जरूर आगे चलकर वनडे में भी अच्छा करेंगे. ज्वाला का मानना है कि चयनकर्ताओं के फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए.
ज्वाला सिंह ने NDTV से कहा, 'मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में प्रदर्शन के आधार पर वह चैम्पियंस ट्रॉफी का हिस्सा था. मैंने रोहित शर्मा को कई मौकों पर यह कहते हुए सुना कि यशस्वी अच्छे दिख रहे हैं और इसलिए बिना वनडे खेले भी उन्हें चैम्पियंस ट्रॉफी टीम में शामिल कर सकते हैं और ऐसा हुआ भी. लेकिन मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि किस वजह से उसका नाम चैम्पियंस ट्रॉफी की फाइनल टीम में शामिल नहीं किया गया.'
ज्वाला सिंह ने आगे कहा, 'हमें सेलेक्टर्स के फैसले को स्वीकार करना होगा कि वे क्या महसूस करते हैं. वे किस तरह के टीम कॉम्बिनेशन की तलाश कर रहे हैं. यह सब ठीक है क्योंकि वह युवा है और भविष्य में बेहतर होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सेलेक्टर्स के फैसलों का सम्मान करना. वे चयनकर्ता हैं और हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए. तब तक उसे दूसरे अवसर की प्रतीक्षा करनी चाहिए जब तक वह कड़ी मेहनत न कर लें और बेहतर न हो जाए.'
ज्वाला सिंह कहते हैं, 'उसने इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और 15 रन बनाए. वह और भी रन बना सकता था, लेकिन क्रिकेट में कई चुनौतियां होती हैं, कभी-कभी आपको वह नहीं मिलता जिसकी तलाश रहती है. मुझे लगता है कि भारत के लिए वनडे खेलने से वह सभी फॉर्मेट के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसके लिए सीखने की उम्र है. मुझे यकीन है कि वह वनडे में भी अच्छा खेलेगा. यह मौके को बर्बाद करने के बारे में नहीं है. यह सब सीखने के बारे में है. असफलता भी आपको बहुत कुछ सिखाती है और वह वनडे में अच्छा प्रदर्शन करेगा. जब उसे अगला मौका मिलेगा तो वह अच्छा खेलेगा.'

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