Agatha Christie: क्वीन ऑफ क्राइम, जिसके किस्सों का कोई तोड़ नहीं, बिक्री में शेक्सपीयर को पछाड़ा
AajTak
क्वीन ऑफ क्राइम के नाम से मशहूर अगाथा क्रिस्टी का आज जन्मदिन है. अगाथा क्रिस्टी ने 60 से ज्यादा क्राइम नोवल लिखे, उनके कई कैरेक्टर्स पर फिल्में, वेब सीरीज़ और प्ले लिखे और बनाए गए हैं.
किसी लेखक की इच्छा यही होती है कि उसकी लिखी किताबें बिक जाएं, उसके नाम पर लोग किताबों को ढूंढें. लेकिन उसकी भी कोई एक लिमिट होगी. लेकिन तब क्या हो जब किसी लेखक ने इतनी किताबें लिखीं और उसके नाम पर इतनी किताबें बिक गईं, कि इन सबको समेटने के लिए भी एक किताब लिखनी पड़ सकती है. ब्रिटेन की एक ऐसी ही राइटर हुईं, जिन्होंने अपने जीवन में क्राइम नोवल लिखे. नाम था अगाथा क्रिस्टी, 15 सितंबर को उनकी जयंती है. ऐसे में उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जानिए. अगाथा क्रिस्टी को ‘क्वीन ऑफ क्राइम’ कहा जाता है, उन्होंने अपनी ज़िंदगी में करीब 66 क्राइम नोवल लिखे. जिनमें एक से एक किस्से शामिल हुए, कैरेक्टर्स को गढ़ा गया जो इतिहास बन गए. ये किताबें इतनी बिकी कि रिकॉर्ड बन गया. अगाथा क्रिस्टी की किताबें आज भी बेस्टसेलर्स में ट्रेंड कर रही होती हैं और एक अनुमान के मुताबिक उनकी लिखी हुई किताबों की अबतक 4 बिलियन कॉपी बिक चुकी हैं. जो विलियम शेक्सपीयर की लिखी किताबों की बिक्री के बराबर या उनसे ज्यादा ही हैं. 18 साल की उम्र में लिखी थी पहली स्टोरी साल 1890 में इंग्लैंड के टॉरकी में अगाथा का जन्म हुआ. एक अपर-मिडिल क्लास परिवार में जन्मीं अगाथा ने कम उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था. तीनों बच्चों में सबसे छोटी होने की वजह से अगाथा को भरपूर प्यार मिलता रहा. बाद में पिता की भी मौत हो गई, सौतेली मां ने उन्हें बड़ा किया. शुरुआत में पढ़ाई अच्छे तरह से नहीं हो पाई थी, लेकिन बाद में पेरिस में पढ़ने का मौका मिला. 1907-1908 के आसपास अगाथा क्रिस्टी वापस इंग्लैंड आईं वो वहां पर ही रहने लगीं. 18 साल की उम्र में अगाथा ने अपनी पहली शॉर्ट स्टोरी लिखी. करीब 6 हज़ार शब्द की स्टोरी को उन्होंने अपने पास समेटे रखा. पेरिस में रहते वक्त उन्हें क्राइम फिक्शन पढ़ने का शौक लगा था, ऐसे में उस पढ़ाई से वो लिखने तक पहुंच गई. इसी सबके बीच अगाथा ने अपना पहला नोवल Snow Upon the Desert लिखना शुरू किया, इस नोवल को लिखने में लंबा वक्त लगा. लेकिन इससे भी ज्यादा वक्त इसे छपवाने में लगा, क्योंकि करीब 6 पब्लिशर ने इसे छापने से मना कर दिया था. लेकिन बाद में बमुश्किल किसी की सिफारिश के दम पर एक पब्लिशर ने इसे छापा, वो भी एक और नोवल लिखने की शर्त पर किया.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.
पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.