सूडान में लगातार बिगड़ रहे हालात, फंसे भारतीयों को कैसे निकालें? PM मोदी कर रहे बैठक
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अफ्रीकी देश सूडान इस समय भीषण गृहयुद्ध से जूझ रहा है. यहां आर्मी और पैरामलिट्री फोर्स के बीच सत्ता पर कब्जे को लेकर जंक छिड़ गई है. दोनों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. यह संघर्ष शुक्रवार को सातवें दिन भी जारी रहा. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार सूडान में फंसे भारतीयों के संपर्क में बनी हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूडान में भारतीयों की स्थिति को लेकर शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. सूडान की राजधानी खार्तून में हजारों भारतीयों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है. फिलहाल 4000 भारतीय संकटग्रस्त देश में फंसे हुए हैं.
मोदी की अध्यक्षता में हो रही इस उच्चस्तरीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश मंत्रालय में सचिव (कॉन्सुलर, पासपोर्ट, वीजा) औसाफ सईद और खाड़ी देशों में भारत के राजदूत हिस्सा ले रहे हैं, जो सूडान से भारतीयों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
सूडान में जारी संघर्ष शुक्रवार को सातवें दिन भी जारी रहा. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार सूडान में फंसे भारतीयों के संपर्क में बनी हुई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सूडान में स्थिति गंभीर बनी हुई है. हम विभिन्न माध्यमों से भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि भारत सूडान में हो रहे घटनाक्रमों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. इसके अलावा कई संबंधित देशों के संपर्क में भी हैं. सूडान की जमीनी स्थिति के आधार पर ही भारतीयों को वहां से बाहर निकालने की योजना तैयार की जाएगी.
इससे पहले गुरुवार को भी भारत ने कहा था कि सूडान में स्थिति बहुत गंभीर है और हमारा पूरा ध्यान वहां पर भारतीय समुदाय की सुरक्षा पर है.
सूडान में बीते सात दिनों से देश की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच घातक जंग जारी है, जिसमें अब तक लगभग 200 लोगों की मौत हो चुकी है. अंधाधुंध फायरिंग की वजह से सूडान में भारतीयों को खाने-पीने के सामान, पानी, दवाइयों और बिजली जैसी मूलभूत चीजों के अभाव का सामना करना पड़ रहा है. पचास लाख लोगों के घरों में बिजली और पानी नहीं है. संचार व्यवस्था भी ठप पड़ी हुई है.
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