'सर्जिकल स्ट्राइक, LAC-LOC पर कठोर जवाब...', बजट सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण की बड़ी बातें
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को बजट सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र का और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन है. इसलिए बीते वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ाई चल रही है. हमने सुनिश्चित किया है कि व्यवस्था में ईमानदार का सम्मान होगा.
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद में पहला अभिभाषण था. इस मौके पर द्रौपदी मुर्मू ने पिछले 8 सालों में सरकार द्वारा उठाए गए बड़े कदमों का जिक्र किया. इतना ही नहीं राष्ट्रपति मुर्मू ने 2047 तक देश को विकसित बनाने की बात भी कही. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 2047 तक हमें ऐसे देश का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता के सभी स्वर्णिम अध्याय हों. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो 'आत्मनिर्भर' हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हो. इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने सर्जिकल स्ट्राइक और एलएसी से एलओसी तक सेना द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया. आईए जानते हैं राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण की बड़ी बातें...
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी का, और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है. ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं. 2047 तक हमें ऐसे देश का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता के सभी स्वर्णिम अध्याय हों. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो 'आत्मनिर्भर' हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हो. उन्होंने कहा कि ऐसे भारत का निर्माण करना है, जिसमें गरीबी न हो, जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से युक्त हो.
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, जिसकी युवाशक्ति और नारीशक्ति समाज और राष्ट्र को दिशा देने के लिए सबसे आगे खड़ी हो, जिसके युवा समय से दो कदम आगे चलते हों. ऐसा भारत, जिसकी विविधता और अधिक अज्जवल हो, जिसकी एकता और अधिक अटल हो.
- 'मेरी सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं. सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था. वही आज दुनिया के समाधान का माध्यम बन रहा है.'
- 'भगवान बसवेश्वर ने कहा था, कायकवे कैलास. अर्थात् कर्म ही पूजा है, कर्म में ही शिव हैं. उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मेरी सरकार राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य को पूरा करने में तत्परता से जुटी है. आज भारत में एक स्थिर निडर, निर्णायक और बड़े सपनों के लिए काम करने वाली सरकार है. आज भारत में ईमानदार का सम्मान करने वाली सरकार है. आज भारत में गरीबों को स्थाई समाधान और उसके स्थाई सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली सरकार है.'
- मैं आज इस सत्र के माध्यम से, देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार दो बार, एक स्थिर सरकार को चुना है. मेरी सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई. सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर दुस्साहस के कड़े जबाव तक, आर्टिकल 370 हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकारी की पहचान निर्णायक सरकार की रही है.
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