
सरकारी जमीन पर खड़ा कर दिया कमर्शियल सेंटर, शिवसेना विधायक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
AajTak
मुंबई की विशेष अदालत के एक फैसले से कुर्ला की राजनीति में हलचल मच गई है, जहां शिवसेना विधायक मंगेश अनंत कुडालकर पर जनता की भलाई के लिए मिले फंड और सरकारी जमीन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं. कोर्ट ने माना कि MHADA की जिस जमीन को गार्डन और सार्वजनिक सुविधा के लिए आरक्षित किया गया था, वहां अनधिकृत रूप से हॉल और कमर्शियल सेंटर बनाए गए और उनसे अवैध वसूली की गई.
महाराष्ट्र के एक बड़े नेता का नाम भ्रष्टाचार के मामले में सामने आया है. मुंबई की एक विशेष अदालत के एक फैसले ने कुर्ला की राजनीति में भूचाल ला दिया है. आरोप है कि जनता की भलाई के लिए मिलने वाले फंड का इस्तेमाल विधायक ने अपने निजी फायदे के लिए किया.
पब्लिक प्रॉपर्टी पर 'प्राइवेट' कब्जा
पूरा मामला कुर्ला विधानसभा का है, जहां शिवसेना विधायक मंगेश अनंत कुडालकर पर सरकारी जमीन का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए करने के गंभीर आरोप लगे हैं. शिकायतकर्ता रमेश सत्यन बोरवा ने कोर्ट के सामने ऐसे दस्तावेज पेश किए, जिन्होंने विधायक की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. आरोप है कि MHADA ने जिस जमीन को गार्डन और पब्लिक एमिनिटी के लिए सुरक्षित रखा था, वहां विधायक ने आलीशान हॉल और कमर्शियल सेंटर खड़ा कर दिया.
कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जज सत्यनारायण आर. नवंदर ने कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने माना कि म्हाडा के पत्रों से साफ है कि यह निर्माण पूरी तरह अनधिकृत है. विधायक ने अपने पद का दुरुपयोग कर सार्वजनिक धन को निजी फायदे वाले हॉल और दुकानों के निर्माण में झोंक दिया. इतना ही नहीं, इस सरकारी जमीन पर बने हॉल को किराए पर चढ़ाकर अवैध वसूली की जा रही है.
ACB को कड़ी कार्रवाई के आदेश

सोनिया गांधी ने मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कानून मनमोहन सिंह सरकार के दौर में आम सहमति से पास हुआ था. इससे करोड़ों गरीब ग्रामीण परिवारों को रोजगार व कानूनी अधिकार मिला, पलायन रुका और ग्राम पंचायतें मजबूत हुईं. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले 11 साल में मनरेगा को कमजोर किया.

'32 धानमंडी' ढाका के किसी आम घर या पते का नाम नहीं है. ये बांग्लादेश के जीते-जागते इतिहास का नाम है, जिसके पन्ने बार बार पढ़े गए. कई बार इसे मिटाने की कोशिश भी हुई. लेकिन, क्या ऐसा संभव है? बांग्लादेश की निर्वासित प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान का यह घर हाल ही में कई बार हमले का शिकार हुआ है.











