शिवाजी के औरंगजेब की क़ैद से बच निकलने की पूरी कहानी
BBC
शिवाजी ने बहाना किया कि वो बीमार हैं. मुगल पहरेदारों को उनकी कराहें सुनाई देने लगी...पढ़िए, उनके औरंगजेब की क़ैद से बच निकलने की पूरी कहानी आज शिवाजी की 341वीं पुण्यतिथि है.
दक्षिण में औरंगज़ेब के वायसराय मिर्ज़ा राजा सिंह ने बीड़ा उठाया कि वो किसी तरह शिवाजी को औरंगज़ेब के दरबार में भेजने के लिए मना लेंगे लेकिन इसको अंजाम देना इतना आसान नहीं था. पुरंदर के समझौते में शिवाजी ने साफ़ कर दिया था कि वो मुगल मंसब के लिए काम करने और शाही दरबार में जाने के लिए बाध्य नहीं हैं. इसके कुछ ख़ास कारण भी थे. शिवाजी को औरंगज़ेब के शब्दों पर विश्वास नहीं था. उनका मानना था कि औरंगज़ेब अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे. मशहूर इतिहासकार जदुनाथ सरकार अपनी किताब 'शिवाजी एंड हिज़ टाइम्स' में लिखते हैं, ''जय सिंह ने शिवाजी को यह उम्मीद दिलाई कि हो सकता है कि औरंगज़ेब से मुलाकात के बाद कि वो दक्कन में उन्हें अपना वायसराय बना दें और बीजापुर और गोलकुंडापर कब्ज़ा करने के लिए उनके नेतृत्व में एक फौज भेजें. हाँलाकि, औरंगज़ेब ने इस तरह का कोई वादा नहीं किया था.''More Related News