विवेचना: आम की पेटियों में धमाके से हुई ज़िया उल हक़ की मौत?
BBC
33 साल पहले एक विमान दुर्घटना में पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल ज़िया उल हक़ की हुई मौत का रहस्य.
17 अगस्त, 1988. पाकिस्तान का बहावलपुर एयरबेस. समय दोपहर तीन बज कर छयालीस मिनट. अमरीका में बने 'हरकुलीस सी-130' विमान ने टेक ऑफ़ के लिए रनवे पर दौड़ना शुरू किया. विमान में जनरल ज़िया उल हक़ के साथ बैठे थे पाकिस्तानी ज्वॉएंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के प्रमुख जनरल अख़्तर अब्दुल रहमान, पाकिस्तान में अमरीका के राजदूत आर्नल्ड रफ़ेल, पाकिस्तान में अमरीकी एड मिशन के प्रमुख जनरल हरबर्ट वासम और पाकिस्तानी सेना के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी. जब कास्त्रो ने इंदिरा गांधी को छाती से लगा लिया जनरल ज़िया बहावलपुर गए थे नए अमरीकी टैंक 'एम आई अब्राम्स' का परीक्षण देखने. शुरू में वो वहां नहीं जाना चाहते थे, लेकिन उनकी फ़ौज के ही कुछ अधिकारियों ने उन पर ज़ोर डाला कि वो वहां ज़रूर जाएं. जनरल ज़िया उल हक़ के बेटे एजाज़ुल हक़ ने बीबीसी को बताया, "उन दिनों उनकी ट्रैवलिंग पर मुमानियत थी एक किस्म की. उन्हें आगाह किया गया था वज़ीरे- दाख़िला की जानिब से. जिस दौरे पर वो गए थे, उस पर जाने की उनकी इतनी ख़्वाहिश भी नहीं थी. बाद में मुझे मालूम चला कि उनके कुछ साथियों ने उन्हें मजबूर किया था वहां जाने के लिए, क्योंकि वहां बहुत बड़ा प्लान बनाया गया था सबोटाज के लिए. उन्होंने अपने नज़दीकी लोगों से कहा भी था कि ये लोग पता नहीं क्यों मुझे रोज़ फ़ोन कर इसरार कर रहे हैं कि इस परीक्षण में मेरा पहुंचना ज़रूरी है जब कि वहां डीजी मिलिट्री ऑपरेशन या डीजी टेक्निकल ट्रेनिंग या वाइस चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ भी जा सकते थे."More Related News