वास्तुशास्त्र: इन सामान्य सिद्धातों का उठाएं लाभ, सहज हो जाएगी जीवनशैली
ABP News
Vastushastra : वास्तुशास्त्र प्रकृति की धारा के साथ रहने का विषय है. दिशाओं का प्रभाव समझकर उनका लाभ उठाया जा सकता है. जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा सकता है.
वास्तुशास्त्र प्रमुख आठ दिशाओं का ज्ञान कराता है. ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व हल्की दिशा मानी जाती है. दक्षिण-पश्चिम अर्थात् नैरक्त्य कोण भारी दिशा मानी जाती है. पूर्व से दक्षिण तक उष्मा का बढ़ती है. दक्षिण से पूर्व तरफ उष्मा कम होती है. सूर्य ईशान कोण से उदय होता है. वहीं पश्चिम में अस्त होता है. इसे ध्यान में रखकर वास्तु के सामान्य नियम अपनाए जाते हैं. सूर्याेदय की दिशा देवपूजन की दिशा है. इसे सर्वाधिक स्वच्छ, पवित्र और हल्का रखा जाता है. पूर्व में आरंभिक गतिविधियों को महत्व दिया जाता है. शिक्षा, अध्ययन और खेलकूद के साथ लोगों से मिलने व चर्चा करने की दिशा है.More Related News
