वाराणसी: विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर संकरा ना हो जाए, इसलिए मुसलमानों ने दिखाया बड़ा दिल
BBC
कोर्ट के बाहर हुए कैसे हुआ हिंदुओं और मुसलमानों के बीच समझौता और कैसे इसे मिसाल के तौर पर पेश किया जा रहा है.
विश्वनाथ मंदिर का रास्ता संकरा ना पड़ जाए इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने ज़मीन का एक टुकड़ा कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए दिया है. ज़मीन मस्जिद से कुछ ही दूरी पर है. हालाँकि आपसी समझौते के तहत मस्जिद को 17 सौ वर्ग फ़ीट की ज़मीन के बदले विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने एक हज़ार वर्ग फ़ीट ज़मीन दी है. कोर्ट के बाहर हुए इस समझौते से मंदिर और उससे जुड़े लोग यानी हिन्दू ख़ुश हैं, तो वहीं मुसलमान इसे मिसाल के तौर पर पेश करना चाहते हैं. यह समझौता भले ही एक छोटे से ज़मीन के टुकड़े का है, लेकिन इसे बड़े फ़लक पर देखा जा रहा है. मस्जिद ने मंदिर को ज़मीन दी, वो भी ज्ञानवापी ने विश्वनाथ मंदिर को. इसे दूर से बैठे लोग बड़े आश्चर्य से देख और समझ रहे हैं क्योंकि अयोध्या के बाद अब हिंदूवादी राजनीतिक दलों का केंद्र बिंदु वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद है. दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद के पास विश्वनाथ मंदिर से सटी तीन ज़मीनें हैं. उसी में से एक प्लॉट 17 सौ वर्ग फ़ीट का है. इस ज़मीन पर 1991 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था.More Related News