
वडोदरा: मकान, गाड़ी बेचकर भी नहीं उतरा कर्ज, परिवार ने कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर पी लिया जहर
AajTak
बेहद खराब माली हालत से गुजर रहे इस परिवार के लोगों ने सामूहिक आत्महत्या करने का फैसला कर लिया. दरअसल इस परिवार का पहले अच्छा खासा कारोबार था और खुशहाली भी थी लेकिन इनकी खुशियों को किसी की नजर लग गई. कारोबार में ऐसा घाटा लगा कि कर्ज चुकाने में परिवार के मुखिया का सबकुछ बिक गया.
आर्थिक तंगी की वजह से बीते बुधवार को गुजरात के वडोदरा में एक ही परिवार के 6 लोगों ने जहरीली दवा पी कर जान देने की कोशिश की थी. मौके पर ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 3 अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब इस परिवार की दयनीय हालत और दर्दनाक कहानी को जानकर आपके भी आंखों में आंसू आ जाएंगे. बेहद खराब माली हालत से गुजर रहे इस परिवार के लोगों ने सामूहिक आत्महत्या करने का फैसला कर लिया. दरअसल इस परिवार का पहले अच्छा खासा कारोबार था और खुशहाली भी थी लेकिन इनकी खुशियों को किसी की नजर लग गई. कारोबार में ऐसा घाटा हुआ कि कर्ज चुकाने में परिवार के मुखिया का सबकुछ बिक गया. हालात इतने बदतर हो गए कि परिवार के लिए दो वक्त की रोटी के लिए इन्होंने अपनी मोपेड भी बेच दी. जब इसके बाद भी काम ना चला तो पिता ने बेटी की साइकिल महज 500 रुपये में बेच दी क्योंकि परिवार के लोग भूखे थे और उन्हें खाने की जरूरत थी. जब सबकुछ खत्म हो गया और किसी ने उनकी मदद नहीं की तो परिवार के सभी लोगों ने सामूहिक आत्महत्या करने का फैसला किया. कोल्ड ड्रिंक में कीटनाशक मिलाकर एक साथ पूरे परिवार ने पी ली. तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 3 लोगों को बाद में पड़ोसियों ने अस्पताल में भर्ती करवाया.जहर पीने की वजह से परिवार के मुखिया नरेंद्र सोनी, चार साल के पोते पार्थ और 17 साल की बेटी रिया की मौत हो गई. जबकि नरेंद्र सोनी की पत्नी दीप्ति, बेटा भाविन और बहू उर्वशी अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे हैं.
Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









