
राम मंदिर पर कांग्रेस का फैसला... INDIA गुट में जितनी पार्टियां, अयोध्या न्योते पर उतनी तरह के इनकार
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कांग्रेस ने भी आखिरकार राम मंदिर उद्धाटन समारोह का न्योता ठुकरा दिया है. कुछ नेताओं की चुप्पी को छोड़ दें तो INDIA ब्लॉक की लगभग सभी पार्टियों ने समारोह से दूरी बना ली है - कांग्रेस ने ये फैसला क्या ममता बनर्जी के दबाव में लिया है?
अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाले INDIA ब्लॉक के विपक्षी नेताओं कांग्रेस नेतृत्व भी शामिल हो गया है. आयोजन समिति की तरफ से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी के राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता दिया गया था.
कांग्रेस की तरफ से नेताओं को न्योता मिलने की पुष्टि भी की गई थी, और सही समय पर फैसला सामने आने की बात भी कही गई थी, लेकिन अब कांग्रेस ने साफ साफ बोल दिया है कि पार्टी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को ससम्मान अस्वीकार करती है.
कांग्रेस के फैसले में तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के इस मुद्दे पर तीखे बयान का भी असर लगता है. कांग्रेस से ठीक पहले ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में ईश्वर और अल्लाह की कसम खाते हुए समारोह के बहिष्कार की घोषणा की थी.
कांग्रेस ने भी आखिरकार राम मंदिर उद्धाटन समारोह का न्योता ठुकरा दिया है. कुछ नेताओं की चुप्पी को छोड़ दें तो INDIA ब्लॉक की लगभग सभी पार्टियों ने समारोह से दूरी बना ली है - कांग्रेस ने ये फैसला क्या ममता बनर्जी के दबाव में लिया है?
कांग्रेस के साथ ही INDIA ब्लॉक के करीब करीब सभी नेताओं का रुख राम मंदिर उद्घाटन समारोह के मुद्दे पर सामने आ चुका है. कुछ नेता ऐसे जरूर हैं जो अभी तक समारोह में जाने को लेकर किसी न किसी बहाने चुप्पी साधे हुए हैं - और ऐसे नेताओं में अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार जैसे दो प्रमुख नाम भी शामिल हैं.
कांग्रेस के फैसले में ममता बनर्जी के दबाव का कितना असर

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