रवांडा में 6 अप्रैल 1994 का खूनी इतिहास, जहां आज भी लाखों बच्चे हैं 'हत्यारे के बेटे'
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रवांडा में हुए इस भीषण नरसंहार में जिस सबसे खतरनाक हथियार का इस्तेमाल किया गया उसका नाम था ‘बलात्कार’. यह हथियार इतना पैना था कि रवांडा के लोगों के जेहन में आज भी वे जख्म इतने गहरे हैं कि उनकी आंखों से आज भी आसुओं के रूप में खून रिसता है.
नई दिल्ली: परिवार में डर ऐसा कि पतियों ने अपनी पत्नियों को मार डाला, अपना वर्चस्व बचाने के लिए एक कबीले ने दूसरे कबीले की औरतों के साथ दुष्कर्म किया. 100 दिन के भीतर लाखों लोग मौत के घाट उतार दिए गए. जो बच गए वह आज तक उस दंश को जेहन में लिए जी रहे हैं.More Related News
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध में अगर जरूरत पड़ी तो उनका देश ‘अकेला भी खड़ा’ रहेगा. नेतन्याहू का यह बयान, बृहस्पतिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की उस चेतावनी के बाद आया जिसमें कहा गया है कि अमेरिका, इजराइल को दक्षिणी गाजा शहर रफह पर हमले के लिए हथियार मुहैया नहीं करेगा.