ये कैसी तटस्थता? हर बार सरकार के समर्थन में क्यों खड़ी हो जाती है BJD
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ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल एक तरफ तो खुद को तटस्थ बताती है लेकिन दूसरी तरफ हर अहम मौके पर एनडीए सरकार के समर्थन में खड़ी हो जाती है. क्यों?
ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन में आ गई है. सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी गठबंधन से दूरी बनाए रखने वाली बीजेडी खुद को तटस्थ बताती है. बीजेडी के पक्ष-विपक्ष से समान दूरी बनाए रखने के दावे किए जाते हैं. लेकिन हर अहम मौके पर जब एनडीए की सरकार को किसी दूसरे दल के समर्थन की बहुत जरूरत होती है, बीजेडी आगे आती है.
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बीजेडी की इस तटस्थता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. केंद्र सरकार को जब राज्यसभा से तीन तलाक से जुड़ा बिल पास कराने की जरूरत थी, तब भी बीजेडी ने सरकार के समर्थन में वोट किया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की बात आई, तब भी बीजेडी सरकार के साथ खड़ी थी. बीजेडी ने नागरिकता संशोधन बिल का भी समर्थन किया था.
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अहम सवाल है कि बीजेडी की आखिर ये कैसी तटस्थता है जो हर बार पार्टी एनडीए सरकार के समर्थन में खड़ी हो जाती है? राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने इसे लेकर कहा कि बीजेडी नेता नवीन पटनायक की महत्वाकांक्षा केवल अपने राज्य की राजनीति तक सीमित है. उनका ध्यान केवल इस बात पर रहता है कि राज्य का फंड ना रुके जिससे विकास कार्य बाधित हों. यही वजह है कि वे हमेशा सत्ताधारी दल के करीब नजर आते हैं.
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि बीजेडी अपनी स्थापना के समय से ही पार्टी बीजेपी के साथ रही है. बीजेपी को ओडिशा में जमीन तैयार करने के लिए सहारे की जरूरत थी और नवीन पटनायक को पिता की सियासी विरासत आगे बढ़ाने के लिए पार्टी. तब बीजेपी और नवीन पटनायक के बीच जो तालमेल बना, वही हमें मुश्किल मौकों पर एनडीए को बीजेडी के समर्थन के रूप में समय-समय पर नजर आता है. बीजेडी का जन्म ही कांग्रेस विरोध से हुआ है.
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