यूपी पुलिस की महिला ब्रिगेड ने पेश की साहस की मिसाल, सूबे में पहली बार हुआ ऐसा
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उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पुलिस की महिला ब्रिगेड इस समय सुर्खियों में है. यहां पांच महिला पुलिसकर्मियों की एक टीम ने एक इनामी बदमाश को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया है. सूबे में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी मुश्किल ऑपरेशन के लिए केवल महिला पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई और उसने सफलतापूर्वक उसे अंजाम दिया.
पुलिस और सेना में हमेशा से ही पुरुषों का वर्चस्व रहा है. राज्यों में पुलिस विभाग में महिलाओं की तैनाती की परंपरा बहुत बाद में शुरू हुई है. महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती के बावजूद भी उन्हें अहम जिम्मेदारी बहुत कम मिलती हैं. लेकिन यूपी सरकार ने एक पहल की है, जिसके तहत महिला पुलिस अफसरों और पुलिसकर्मियों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं. वर्दी में महिला और पुरुष के बीच भेदभाव को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. यही वजह है कि अब हर जिले में एक थाने का एसएचओ महिला इंस्पेक्टर को बनाया जा रहा है. इसका फायदा दिखना शुरू हो गया है. पहले की तुलना में पीड़िता महिलाओं की सुनवाई बढ़ गई है. दूसरी तरफ अपराधी भी महिलाओं की ताकत समझ गए हैं.
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का है. यहां एक नामी इनामी बदमाश के साथ मुठभेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है. इसकी वजह ये है कि इस ऑपरेशन को पुरुष पुलिसकर्मियों की टीम ने नहीं किया है, बल्कि पहली बार महिला पुलिसकर्मियों की टीम ने इसको अंजाम दिया है. लंबे चले मुठभेड़ और दोनों तरफ से चली कई राउंड की फायरिंग के बाद 25000 रुपए के इनामी बदमाश को काबू में लाया जा सका. ऑपरेशन करने वाली इस टीम में पांच महिला पुलिस कर्मी शामिल थी. इनमें एक इंस्पेक्टर, दो सब-इंस्पेक्टर और तीन कॉन्स्टेबल शामिल हैं. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कुशीनगर पुलिस की इस शानदार पहल की बहुत तारीफ की है.
जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर जिले में एक गौ तस्कर इमामुल उर्फ बिहारी ने आतंक मचा रखा था. बिहार और नेपाल से सटा हुआ जिला हुआ होने की वजह से वो बड़ी संख्या में पशुओं की तस्करी कर रहा था. इस दौरान कई अन्य गंभीर अपराध भी कर रहा था. उसके खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज है. कुशीनगर पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल को सूचना मिली कि बिहारी गौ तस्करी की कोई वारदात अंजाम देने जा रहा है. नवरात्री होने की वजह से उन्हें नारी शक्ति का ध्यान आया. उन्होंने तुरंत एक महिला पुलिसकर्मियों की टीम तैयार कर दी. इसमें जिले की कई काबिल और प्रशिक्षित पुलिसकर्मी शामिल है. उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों के साथ अपराधी का पीछा किया.
पुलिस टीम को पीछा करते हुए देख बिहारी अपनी बाइक से कुशीनगर से महाराजगंज की ओर फायरिंग करते हुए भागने लगा. ऑपरेशन की कमान संभाल रही पुलिस इंस्पेक्टर सुमन सिंह की अगुवाई पूरी टीम ने उसे घेर लिया. दोनों तरफ से हुई फायरिंग के दौरान बिहारी के पैर में गोली लग गई, जिसके बाद उसे काबू में लाया जा सका. पुलिस टीम ने अस्पताल में उसका प्राथमिक इलाज कराने के बाद गिरफ्तार कर लिया है. गोरखपुर जोन के आईजी जे रविंद्र गौड़ ने महिला ब्रिगेड की तारीफ करते हुए उनका नाम डीजीपी से सम्मान के लिए भेजा है. आईजी के मुताबिक, इमामुल उर्फ बिहारी के खिलाफ यूपी गोवध एक्ट, पशु क्रूरता एक्ट, ऑर्म्स एक्ट, विस्फोटक एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किए गए थे.
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इस इनामी बदमाश का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम में कुशीनगर जिले के बरवा पट्टी थाने की प्रभारी इंस्पेक्टर सुमन सिंह, खड्डा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रिंसी पांडेय, पडरौना कोतवाली में तैना सब इंस्पेक्टर चंदा यादव, कांस्टेबल संगीता यादव और प्रियंका सिंह शामिल थीं. यूपी में सीएम के मिशन शक्ति 04 के शक्ति दीदी अभियान के तहत इस टीम के सभी कर्मियों को लखनऊ में ट्रेनिंग दी गई थी. इस अभियान के तहत महिला पुलिसकर्मियों को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार किया जाता है. उनको अत्याधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग के साथ ही अपराध नियंत्रण के गुर सिखाए जाते हैं. इसे महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में कमी लाने के उद्देश्य शुरू किया गया है.
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