यूक्रेन संकट: क्या रूस की आलोचना नहीं करने से भारत की छवि को नुक़सान हुआ है
BBC
रूस और यूक्रेन की लड़ाई गंभीर होती जा रही है. भारत ने इस लड़ाई में तटस्थता बनाए रखी है. लेकिन यूक्रेन के मुद्दे पर भारत आख़िर कब तक न्यूट्रल बना रह सकता है.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण संघर्ष नवें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस युद्ध में मिली जानकारी के मुताबिक़ अब तक सैकड़ों रूसी सैनिक और यूक्रेन के लोगों की मौत हुई है.
अमेरिका से लेकर यूरोप के तमाम देश आर्थिक प्रतिबंधों और सार्वजनिक आलोचना के ज़रिए रूस को दुनिया भर में अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस युद्ध को रोका जा सके.
इसी दिशा में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा (यूएनजीए) में रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन पर हमले को लेकर निंदा प्रस्ताव लाया गया जो कि 141-5 वोट से पास हुआ. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस यूक्रेन से अपने सैनिकों को बिना शर्त वापस बुलाए.
कुल 193 देशों में से 141 देशों ने रूस के ख़िलाफ़ वोटिंग की और पाँच देशों ने रूस का साथ दिया जिनमें सीरिया जैसे देश शामिल हैं.