यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही पंचायत प्रधान वैशाली यादव पर क्यों है यूपी में विवाद
BBC
वैशाली ने यूक्रेन से भारत आने के लिए मदद की गुहार लगाई थी. उनका वीडियो वायरल हुआ था. अब वो दिल्ली लौट आई हैं. लेकिन जानिए उस पूरे विवाद के बारे में.
25 साल की वैशाली यूक्रेन की इवानो फ़्रैंकिवस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की छात्रा हैं. लेकिन उनकी एक राजनीतिक पहचान भी है. वो हरदोई ज़िले के विकास खंड सांडी की ग्राम पंचायत तेरा परसौली की प्रधान भी हैं. यानी एक महिला ग्राम प्रधान जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं.
जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला, तभी से वहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले सैकड़ों छात्र अपने परिवार वालों को मदद की गुहार वाले वीडियो भेज रहे हैं.
24 फ़रवरी को अपनी फ़्लाइट रद्द होने के बाद वैशाली ने भी अपने पिता को एक ऐसा वीडियो भेजा.
इसमें उन्होंने कहा कि, "मैं यहाँ यूक्रेन की इवानो फ़्रैंकिवस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा हूँ. आज यहाँ सुबह से पैनिक का माहौल है. सब अपने अपने फ़्लैट्स में बंद हैं. कोई भी बाहर नहीं निकल पा रहा है. बाहर बम गिर रहे हैं. कहीं पर कुछ भी हो रहा है. सब बहुत ज़्यादा परेशान हैं. काफ़ी इंडियन स्टूडेंट हैं हमारी यूनिवर्सिटी में.
सब बस इसी उम्मीद में हैं कि भारत सरकार अगर कुछ करेगी तो हम यहाँ से जायेंगे. हमने फ़्लाइट्स भी कराई थी जाने के लिए, लेकिन वो फ़्लाइट्स भी कैंसल हो गई है. तो अब हम कैसे आएं. हम सिर्फ़ भारत सरकार से उम्मीद कर सकते हैं कि वो कुछ करे तो हम लोगों को यहाँ से ले जाएँ. हम लोग ना बाहर जा सकते हैं सामान लेने, न कुछ भी. बस फ़्लैंट में हैं, अब जब तक का सामान है तब तक फ्लै़ट में हैं. आगे की सिचुएशन का कुछ पता नहीं है, कभी भी कुछ भी हो सकता है."