यूक्रेन पर हमला: यूएन में भारत ने यूक्रेन और रूस दोनों से बनाई दूरी, जानिए सात कारण
BBC
यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर जब-जब संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग हो रही है, भारत उससे ग़ैर-हाज़िर रह रहा है. क्या हैं इसके कारण.
यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की निंदा करते हुए अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तीन प्रस्ताव आए. तीनों में भारत ने ग़ैर हाज़िर रहना ही वाजिब समझा. साथ ही हर बार अपने बयान में शब्दों के चयन पर ज़ोर देते हुए बातचीत से हल निकालने का रास्ता सुझाया.
पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से दो बार बात की है तो दूसरी तरफ़ क्वॉड की बैठक में गुरुवार को हिस्सा भी लिया. नरेंद्र मोदी ने ये बात फिर दोहराई कि सभी संबंधित पक्षों को बातचीत और कूटनीति का रास्ता अख़्तियार करना चाहिए.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत के रुख़ को लेकर कई पूर्व राजनयिक और कूटनीति के विश्लेषकों की राय बंटी हुई है.
कुछ जानकार भारत की ग़ैरहाजिरी को रूस की तरफ़ मूक समर्थन मान रहे हैं, कुछ इसे भारत की विदेश नीति का हिस्सा बता रहे हैं. तो कुछ कह रहे हैं कि सही समय है जब भारत को किसी एक पक्ष को चुनने की ज़रूरत है.
तीनों तरह की दलीलों के मूल में कुछ तथ्य हैं, जिन्हें समझने की ज़रूरत है.