यूएई के साथ हुए आर्थिक समझौते से भारत को क्या-क्या फ़ायदे होंगे?
BBC
पिछले हफ़्ते भारत और संयुक्त राज्य अमीरात के बीच हुए एक समझौते में अगले पांच साल में दोनों देशों के बीच वस्तुओं (गुड्स) का व्यापार ढाई गुना और सेवाओं (सर्विसज़) का व्यापार दो गुना करने का लक्ष्य रखा गया है.
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच का कारोबार 100 अरब डॉलर के पार ले जाने के लिए दोनों देशों के बीच शुक्रवार 18 फ़रवरी को एक ऐतिहासिक समझौते पर दस्तख़त किए गए.
दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता एक 'व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता' (सीईपीए) है. यह भारत का किसी भी अरब देश (मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देश) से हुई पहली सीईपीए संधि भी है.
सीईपीए संधि के तहत सामानों का कारोबार बढ़ाने के साथ सेवाओं का व्यापार और निवेश बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया जाता है. इसके लिए टैरिफ़ (कस्टम और आयात शुल्क) कम करने के अलावा व्यापार के रास्ते में आने वाली अड़चनें दूर करने पर ज़ोर रहता है.
भारत और यूएई के बीच हुआ यह सीईपीए इस लिहाज से ख़ास है कि इसके लिए दोनों देशों ने काफ़ी तेज़ी से बातचीत की प्रक्रिया पूरी की.